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धर्मशाला, 31 अक्टूबर (हि.स.)। नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश की सुक्खू सरकार पर जमकर हमला बोला है। शुक्रवार को धर्मशाला में नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने कहा कि सुख की सरकार के नाम से व्यवस्था परिवर्तन वाली सरकार चलाने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को तीन साल के कार्यकाल में सिर्फ दुख ही दुख दिए हैं। सरकार का तीन साल का कार्यकाल परिवार और मित्रों के भले के लिए ही समर्पित रहा है। इस कार्यकाल में सरकार द्वारा सत्ता समर्थित भ्रष्टाचार, अराजकता, माफियाराज को संरक्षण मिला जिसकी कीमत पूरे प्रदेश के लोग चुका रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि सुक्खू सरकार बने केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के 30 करोड़ जमा नही किये जबकि पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय की 40 हेक्टेयर जमीन को बेच डाला। जिसे लेकर अब कोर्ट ने रोक लगाई है।
धर्मशाला में पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोग आपदा में बेघर हुए हैं। उन्हें अपने रिश्तेदारों के यहां शरण लेनी पड़ी है लेकिन उनका भला करने की बजाय मुख्यमंत्री बिहार के चुनाव में प्रचार करने में जुटे हैं। जब मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में विपक्ष के दबाव में आपदा पर चर्चा हो रही थी तो भी मुख्यमंत्री बिहार में ही थे और वोट चोरी का अभियान चला रहे थे। जबकि हकीकत यह है कि देहरा के उपचुनाव में अपनी पत्नी को जिताने के लिए उन्होंने वोटों की डकैती के लिए जो कुछ कर सकते थे, वह किया।
जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने 3 साल का कार्यकाल जिसे सरकार का गोल्डन पीरियड कहा जाता है उसे हवा में निकाल दिया। 3 साल के कार्यकाल में देश से लेकर विदेश तक, सदन से लेकर सड़क तक मुख्यमंत्री ने सिर्फ और सिर्फ झूठ बोला।
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के कर्ज और मुख्यमंत्री के झूठ का आंकड़ा हर दिन बढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री अपने पद की गरिमा हर दिन गिराते जा रहे हैं। बिहार में जाकर उन्होंने जो भी झूठ बोला प्रदेश के लोगों ने उसका तुरंत फैक्ट चेक कर दिया।
जयराम ठाकुर ने सुख की सरकार द्वारा कांगड़ा के साथ किए गए भेदभाव के मुद्दों को भी प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि धर्मशाला सेंट्रल यूनिवर्सिटी कैंपस के लिए हमारी सरकार द्वारा सारी कार्रवाई पूरी कर दी गई थी। अभी सरकार को मात्र 30 करोड़ रुपए जमा करने हैं। जिसे विश्वविद्यालय परिसर का निर्माण शुरू हो सके। लेकिन यह सरकार 30 करोड़ रुपए 3 साल बीतने के बाद भी जमा नहीं कर पाई जबकि पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय की जमीन का 40 हेक्टेयर हिस्सा बेच दिया। इसके खिलाफ पालमपुर विश्वविद्यालय से जुड़े पूर्व छात्र व लोगों ने न्यायालय में अपील की और उस फैसले पर रोक लगी, लेकिन वर्तमान सरकार अभी भी उस फैसले के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रही है जिससे विश्वविद्यालय की जमीन अपने करीबियों को बेची जा सके।
जयराम ठाकुर ने कहा कि तीन साल में सुक्खू सरकार कर और कर्ज की सरकार ही बन पाई है।
हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया