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कुआलालंपुर, 31 अक्टूबर (हि.स.)।
भारत और अमेरिका ने आगामी दस वर्षाे के लिए रक्षा क्षेत्र में समन्वय, सूचनाओं के आदान-प्रदान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयाेग के लिए शुक्रवार काे यहां एक महत्वपूर्ण रक्षा 'फ्रेमवर्क' समझाैते पर हस्ताक्षर किए।
इस समझाैते पर यहां दक्षिण पूर्व एशियाई देशाें (आसियान)के रक्षा मंत्रियों बैठक के इतर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके अमेरिकी समकक्ष पीटर हेगसेथ के बीच मुलाकात के दौरान हस्ताक्षर किये गये।
साेशल मीडिया मंच एक्स पर इस बाबत खबर साझा करते हुए सिंह ने इस समझाैते की पुष्टि करते हुए हेगसेथ के साथ अपनी बैठक काे काफी 'उपयाेगी' बताया। उन्होंने कहा,मेरी यहां अमेरिकी रक्षा मंत्री हेगसेथ के एक बेहद ' सार्थक' बैठक हुई जिसमें हमने दस वर्षीय 'भारत अमेरिका रक्षा साझीदारी ढांचागत समझाैते' पर हस्ताक्षर किए। यह समझाैता दाेनाें देशाे के बीच पहले से ही मजबूत रक्षा सहयाेग काे और प्रगाढ़ कर एक नए युग की शुरूआत करेगा।
उन्हाेंने कहा कि यह समझाैता द्विपक्षीय रक्षा संबधाे के सभी आयामाें के बारे में नीति निर्धारित करने में मदद देगा। भारतीय रक्षा मंत्री ने कहा, समझाैता दाेनाें देशाें के बीच बढ़ती रणनीतिक भागीदारी का संकेत है जिससे इस दशक में हमारी साझीदारी के नए युग का आरंभ हाेगा।
उन्हाेंने कहा कि यह साझीदारी स्वतंत्र, निष्पक्ष और 'नियम' आधारित भारत- प्रशांत क्षेत्र के लिए बेहद अहम है।
इस बीच अमेरिकी रक्षा मंत्री ने भी 'एक्स' पर इस बाबत बयान साझा करते हुए कहा, मैंने अभी-अभी राजनाथ सिंह जी से मुलाकात की। हमने दस-वर्षीय अमेरिका-भारत रक्षा ढाँचागत सहयाेग संबधी समझाैते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह हमारी रक्षा साझीदारी को आगे बढ़ाता है, जो क्षेत्रीय स्थिरता और प्रतिरोध की आधारशिला है। उन्हाेंने कहा कि दाेनाें देश समन्वय, सूचना साझाकरण और तकनीकी सहयोग को बढ़ा रहे हैं। उन्हाेंने यह भी कहा कि दाेनाें देशाें के रक्षा संबंध पहले कभी इतने मज़बूत नहीं रहे थे।
इससे पहले सिंह आसियान देेशाें के रक्षा मंत्रियाें की 1२वीं बैठक (एडीएमएम-प्लस) में भाग लेने के लिए अपनी दो दिवसीय यात्रा के तहत मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर पहुंचे । गुरुवार को यहां पहुंचने पर सिंह का स्थानीय अधिकारियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। यह बैठक क्षेत्रीय सुरक्षा और रक्षा सहयोग को मजबूत करने पर केंद्रित है, जिसमें भारत आसियान देशों के साथ अपने रक्षा संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने का प्रयास करेगा।
गाैरतलब है कि सिंह की यह यात्रा ऐसे समय में महत्वपूर्ण है जब भारत-आसियान संबंधों को नए आयाम प्रदान करने के लिए जाने के लिए रणनीतिक वार्ताएं हो रही हैं।
रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सिंह बैठक में आसियान देशों के साथ आतंकवाद विरोधी उपायों, समुद्री सुरक्षा और क्षमता निर्माण पर जोर देंगे। भारत ने हाल के वर्षों में आसियान के साथ रक्षा अभ्यासों और हथियारों के हस्तांतरण को बढ़ावा दिया है, जो इस बैठक के प्रमुख एजेंडे का हिस्सा हैं।
सिंह ने एक्स पर अपनी यात्रा की जानकारी साझा करते हुए कहा कि आसियान-भारत बैठकें रक्षा और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने का माध्यम बनेगी। उनकी यह यात्रा भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के अनुरूप है, जो दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ संबंधों को प्राथमिकता देती है।
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हिन्दुस्थान समाचार / नवनी करवाल