Enter your Email Address to subscribe to our newsletters

नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (हि.स.)। साइबर ठगी के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली पुलिस ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब राजधानी में अगर किसी व्यक्ति के साथ एक लाख या उससे अधिक की ऑनलाइन धोखाधड़ी होती है, तो उसकी शिकायत अपने आप ई-एफआईआर में बदल जाएगी। यह सुविधा एक नवंबर 2025 से लागू होगी। इस नई व्यवस्था के तहत पीड़ित को अब थाने में बार-बार जाने की जरूरत नहीं होगी। वह सिर्फ 1930 साइबर हेल्पलाइन पर कॉल करके या नजदीकी पुलिस स्टेशन के इंटीग्रेटेड हेल्प डेस्क में जाकर शिकायत दर्ज करा सकेगा। दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलछा ने शुक्रवार को सर्कुलर जारी करते हुए यह नई व्यवस्था लागू करने की घोषणा की।
पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार यह कदम गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के “नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग प्रबंधन प्रणाली पोर्टल से जुड़ा है। जिसे देशभर में साइबर अपराध की रिपोर्टिंग को आसान बनाने के उद्देश्य से विकसित किया गया है।
पहले 10 लाख से ऊपर होती थी ई-एफआईआर , अब एक लाख से होगी शुरुआत
गृह मंत्रालय ने इसी साल 16 मई को दिल्ली में ई-जीरो एफआईआर योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत यदि किसी साइबर वित्तीय अपराध में ठगी की रकम 10 लाख से अधिक होती थी, तो साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग प्रबंधन प्रणाली पोर्टल पर दर्ज शिकायत अपने आप ई-एफआईआर में बदल जाती थी। अब इस शुल्क को घटाकर एक लाख कर दिया गया है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार साइबर अपराध के पीड़ितों को जल्द राहत मिल सके और शिकायतों को एफआईआर में बदलने की प्रक्रिया को तेज किया जा सके। इस लिए इसे शुरु किया गया है।
किसी भी थाने में शिकायत, कहीं से भी सहायता
अब दिल्ली का कोई भी नागरिक अपने क्षेत्रीय पुलिस स्टेशन में जाकर साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज करा सकता है। इसके अलावा 1930 हेल्पलाइन और सभी थानों में स्थापित इंटीग्रेटेड हेल्प डेस्क पर अधिकारी शिकायत की सभी जानकारी (जैसे बैंक खाता, ट्रांजैक्शन, मोबाइल नंबर, ईमेल आदि) दर्ज करेंगे।
रकम के आधार पर तय होगी जांच की जिम्मेदारी
-दिल्ली पुलिस ने ठगी की रकम के हिसाब से जांच की जिम्मेदारी भी तय की है:
ठगी की राशि जांच की जिम्मेदार
-एक लाख – 25 लाख तक जिला साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, 25 लाख – 50 लाख तक क्राइम ब्रांच (साइबर सेल) और 50 लाख से अधिक स्पेशल सेल आईएफएसओ यूनिट मुकदमा दर्ज करेगी। इस व्यवस्था से यह सुनिश्चित होगा कि बड़े मामलों की जांच अनुभवी और तकनीकी रूप से सक्षम इकाइयों द्वारा की जाए।
जांच अधिकारी तुरंत करेंगे कार्रवाई
पुलिस आयुक्त सतीश गोलछा द्वारा जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार, जैसे ही ई-एफआईआर दर्ज होगी, जांच अधिकारी को बिना देर किए सभी जरूरी कार्रवाई करनी होगी। इसी क्रम ओं संबंधित बैंक खातों पर लीन मार्किंग या फ्रीजिंग की प्रक्रिया शुरू करना,
कॉल डिटेल रिकॉर्ड प्राप्त करना, सीसीटीवी फुटेज और डिजिटल सबूत इकट्ठा करना। वहीं इन सबके लिए शिकायतकर्ता के हस्ताक्षर का इंतजार नहीं किया जाएगा।
72 घंटे में थाने जाकर करनी होगी हस्ताक्षर प्रक्रिया पूरीई-एफआईआर दर्ज होने के बाद जांच अधिकारी शिकायतकर्ता से तुरंत संपर्क करेगा और उसे 72 घंटे के भीतर थाने बुलाएगा ताकि वह एफआईआर की प्रिंट कॉपी पर हस्ताक्षर कर सके। अगर शिकायतकर्ता तीन दिन के भीतर नहीं पहुंचता है, तो जांच अधिधारी उसे नोटिस जारी करेगा कि उसकी ई-एफआईआर बंद की जा सकती है, और पहले की गई कार्रवाई (जैसे बैंक खाता फ्रीज आदि) को वापस लिया जा सकता है। यह प्रक्रिया भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 की धारा 173 के तहत होगी।
शिकायतों पर भी जारी रहेगी मैन्युअल एफआईआर प्रक्रिय
वर्तमान में जो शिकायतें नागरिक स्वयं https://cybercrime.gov.in पोर्टल पर दर्ज करते हैं। उन्हें शृंखला-2 शिकायत कहा जाता है। फिलहाल ये शिकायतें स्वतः ई-एफआईआर में नहीं बदलतीं। ऐसे मामलों में पुलिस संबंधित थाने या साइबर सेल में शिकायतकर्ता का बयान दर्ज कर नियमित एफआईआर दर्ज करेगी, बशर्ते अपराध संज्ञेय पाया जाए।
सख्त पालन के निर्देश
दिल्ली पुलिस आयुक्त ने सभी जिलों, स्पेशल यूनिट और वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे जारी किए गए सर्कुलर का सख्ती से पालन करें।
आंतरिक प्रक्रिया पर स्पष्टता
सर्कुलर में यह भी उल्लेख किया गया है कि यह दिशा-निर्देश केवल पुलिस विभाग के आंतरिक कार्य संचालन के लिए जारी किए गए हैं। जनता के लिए यह केवल सूचना है कि अब एक लाख से अधिक की ठगी पर उनका मामला स्वतः दर्ज होगा।
पीड़ितों के लिए मदद के रास्ते
-साइबर ठगी का शिकार होने पर तुरंत कॉल करें: 1930 हेल्पलाइन।
-ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें: https://cyberpolice.nic.in
-किसी भी नजदीकी पुलिस थाने के इंटीग्रेटेड हेल्प डेस्क (IHD) पर जाकर मदद प्राप्त करें।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / कुमार अश्वनी