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दार अस सलाम, 31 अक्टूबर (हि.स.)। तंजानिया की मुख्य विपक्षी पार्टी 'चाडेमा' ने शुक्रवार को आराेप लगाया कि विवादास्पद राष्ट्रपति चुनाव के बाद देश में पिछले तीन दिनों से जारी हिंसक विरोध प्रदर्शनों में सुरक्षाबलों के हाथाें करीब 700 लोग मारे गए हैं। हालांकि सरकार ने इसे “अतिशयोक्तिपूर्ण” बयान बताकर खारिज कर दिया है।
राष्ट्रपति चुनावाें के लिए बुधवार के मतदान के बाद हिंसा उस समय भड़की, जब राष्ट्रपति समिया सुहुलु हसन ने मुख्यरूप से जंजीबार में 78% से अधिक वोट हासिल किए। इससे पहले 'चाडेमा' और 'एक्ट-वजालेंदो' दलाें के उम्मीदवारों को नामांकन से रोक दिया गया, जिससे दार अस सलाम और अन्य शहरों में झड़पें हुईं।
खबराें के मुताबिक पुलिस ने हिंसा पर काबू पाने के लिए कर्फ्यू लगा दिया और इंटरनेट सेवांए बंद कर दी।इस दाैरान प्रदर्शनकारियाें पर आंसू गैस के गाेले छाेड़े गए और गाेलीबारी की घटनांए भी हुई। साथ ही सेना को “स्थिति नियंत्रित” करने के लिए तैनात किया गया।
एक राजनयिक स्रोत ने दर्जनों मौतों की पुष्टि की, लेकिन आधिकारिक आंकड़े अभी जारी नहीं हुए हैं।
इस बीच संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने कम से कम 10 लाेगाें की माैत की पुष्टि करते हुए इन घटनाओं पर चिंता जताई है। उधर, यूरोपीय सांसदों ने भी इस चुनाव को “धोखाधड़ी” और दमन से भरा बताया।
हालांकि सरकारी प्रवक्ता गर्सन मसिगवा ने प्रदर्शनों को “छुट-पुट घटनाएं” करार दिया। उन्हाेंने कहा “इस दाैरान किसी की मृत्यु हाेने पर हमें अफसाेस है।”
इस बीच 'चाडेमा' के जॉन म्निका ने इसे “नरसंहार” करार दिया और प्रदर्शन जारी रखने की धमकी दी।
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हिन्दुस्थान समाचार / नवनी करवाल