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अशोकनगर, 31 अक्टूबर(हि.स.)। मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले के पर्यटन क्षेत्र में पहली वार अपने वाहनों से विदेशी पर्यटकों का दल चंदेरी पहुंचा और वापसी के लिए अपने वतन के लिए रवाना हुए।
चंदेरी पर्यटन स्थल के गाइड मुजफ्फ र अंसारी (कल्ले भाई) ने शुक्रवार को हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि ग्रामीण पर्यटन योजना के तहत चंदेरी के ग्राम स्टोन वेलेज विक्रमपुर में बने होम स्टे में नीदरलैंड से 12 सदस्यों का पर्यटक समूह पहुंचा। कल्ले भाई का कहना कि उनकी 35 वर्षीय गाइड सेवा में ऐसा पहली वार देखने में आया 12 सदसीय विदेशी पर्यटकों का दल पहली बार अपने वाहनों से चंदेरी आया। जिसमें पर्यटक समूह होलैंड (एम्बेस्टर्डम)से अपनी 7 वाहनों के साथ नीदरलैंड, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, रोमानिया, बुल्गारिया तुर्की, जॉर्जिया,आजऱबेजान, ईरान, तुर्कमेनिस्तान, किर्गिजय़िा, रूस, चीन, तिब्बत, 18 देशों की यात्रा करते हुए नेपाल के रास्ते भारत में प्रवेश किया था।
बताया गया कि भारत में कई स्थानों पर यात्रा करते हुए खजुराहो से चंदेरी के दा स्टोन विलेज विक्रमपुर में पहुंचे। यहां पहुंचने पर ग्राम समिति एवं बकरी छाप टीम के द्वारा सभी अतिथियों का फूल मालाओं, तिलक के साथ स्वागत किया गया। ग्रुप लीडर सुज़ैन ने बताया कि, इन आधुनिक गाडिय़ों में टेंट, जीएपएस के साथ रात रुकने के लिए सभी सुविधाओं से सुसज्जित हैं। बड़ी बात तो ये है कि, इस साहसी यात्रा में टोयोटा कारों की चालक महिलायें हैं।
सभी यात्रियों ने होम स्टे में रात्रि विश्राम किया और स्थानीय भोजन का आनंद लिया। सभी पर्यटक ग्राम में ग्राम वासियों से मिलकर अत्यंत प्रसन्न हुए। गुरुप के सदस्यों को एमपीटी के गाइड कल्ले भाई ने चंदेरी में आकर ऐतिहासिक इमारतों के भ्रमण के साथ बुनकरों की बस्तियों का भ्रमण कराया गुरुप ने बुनकरों से सात सौ वर्षों पुरानी बुनाई कला पर बात की और खरीदारी की। ग्रुप ने हेंडलूम्पार्क को भी विजिट किया।
यह पहला मौका था जब ग्राम विक्रमपुर में विदेशी पर्यटक रहने के लिए पहुंचे। ज्ञात हो कि चंदेरी के तीन गांव विक्रमपुर, नानौन और प्राणपुर में मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड की ग्रामीण पर्यटन योजना के तहत परियोजना संस्था बकरी छाप की सहायता से होम स्टे का निर्माण किया जा रहा है। चंदेरी में 6, होम स्टे बनकर तैयार है जिसमें पर्यटक रहना पसंद कर रहे हैं। और भारत के गांव पुरानी संस्कृति से रूबरू हो रहे हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / देवेन्द्र ताम्रकार