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जम्मू, 31 अक्टूबर (हि.स.)। सहारन स्थित प्रसिद्ध आशापूर्णी मंदिर में शुक्रवार को श्रद्धालुओं का एक विशाल आध्यात्मिक समूह एकत्रित हुआ, जहां भक्तों ने देवी आशापूर्णी के चरणों में भावभीनी श्रद्धा सुमन अर्पित किए। पवित्र अनुष्ठानों के संपन्न होने के बाद उपस्थित भक्तों ने समस्त जनकल्याण, समृद्धि और दीर्घायु के लिए सामूहिक प्रार्थना की। मंदिर में आये एक श्रद्धालु आर.एल. कैथ ने देवी आशापूर्णी की दिव्यता का गुणगान करते हुए कहा कि वे एक चमत्कारी, दयालु और कृपालु देवी हैं जो अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण करती हैं। आशापूर्णी शांति और परोपकार की प्रतीक हैं, और जो भी सच्चे मन से उनसे प्रार्थना करता है, उसे वे वरदान, सौभाग्य और सिद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
मदन लाल लखोत्रा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आशापूर्णी माँ अत्यंत दयालु हैं, किंतु वे श्रद्धा और सम्मान की भी अपेक्षा रखती हैं। गलती करने वालों पर उनका क्रोध उनकी दिव्य शक्ति का प्रमाण है। कार्यक्रम के दौरान श्रद्धालुओं ने नाग देवता के पूजनीय स्थल पर भी श्रद्धा अर्पित की। इस दौरान एक प्रसिद्ध कथा का भी उल्लेख किया गया, जिसमें बताया गया कि एक सेना अधिकारी की हथेली से नाग देवता ने दूध पीया था। यह घटना आस्था की गहराई और दिव्य शक्तियों की उपस्थिति का प्रेरणादायक स्मरण कराती है।
इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख व्यक्तियों में राम लाल लखोत्रा, सूबेदार चमन लाल (सेवानिवृत्त), सीनियर लेक्चरर जय करण भारती, सुभाष वर्मा, एसआई परविंदर कुमार, जनक राज, रछपाल चंद और विजय कुमार शामिल रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा