Enter your Email Address to subscribe to our newsletters

जयपुर, 31 अक्टूबर (हि.स.)। देवउठनी एकादशी के साथ ही शादियों का सीजन शुरू होने वाला है और साइबर ठग भी इस दौर में तकनीक बदलकर वारदात करने की साजिश बना रहे हैं। अगर आपके वाट्सएप पर जाने-अनजाने नंबर से एपीके फाइल से शादी का न्योता आए तो खुश होने का नहीं,बल्कि सचेत हो। यह साइबर ठगों की करतूत हो सकती है। साइबर ठगी की तरकीब बदल रहे अपराधी शादी के कार्ड के रूप में साइबर ठगी का 'न्योता' भेज रहे हैं और जैसे ही इस फाइल पर क्लिक कर किया तो साइबर अपराधी आपके बैंक खाते से रुपये निकल जाएगा।
साइबर क्राइम विंग एसीपी सोनचंद ने बताया कि साइबर अपराधी एपीके फाइल के रूप में शादी का कार्ड वाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए सर्कुलेट करते हैं। जिन पर क्लिक करते ही आपके मोबाइल का एक्सेस अपराधियों तक पहुंच जाता है और वे ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं। साइबर अपराधी हर दिन तरीके बदल-बदलकर साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। किसी के मोबाइल पर शादी के कार्ड के नाम पर एक लिंक आता है। जैसे ही उस लिंक पर क्लिक करते हैं। मोबाइल हैंग हो जाता है। इसके बाद मोबाइल का एक्सेस अपराधियों तक पहुंच जाता है और वे ठगी की वारदातों को अंजाम देते हैं।
साइबर क्राइम विंग एसीपी सोनचंद ने बताया कि आमतौर पर साइबर अपराधी किसी व्यक्ति का मोबाइल हैक करते हैं और साइबर ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं। इसके साथ ही उस मोबाइल में जितने भी सम्पर्क नंबर हैं। उन पर भी संदिग्ध लिंक अपने आप फॉरवर्ड हो जाता है। इस तरह यह सिलसिला आगे बढ़ता रहता है। उन्होंने बताया कि आज के दौर में हर व्यक्ति के पास एंड्रॉयड मोबाइल है। जिसमें कई निजी जानकारियां और डाटा होता है. साइबर ठग वाट्सएप या अन्य सोशल मीडिया एप के जरिए एक एपीके फाइल भेजते हैं। जिस पर क्लिक करते ही मोबाइल हैंग हो जाता है। इन फाइलों में एक प्रकार का वायरस होता हैं जो मोबाइल को हैक करके उसका एक्सेस साइबर ठगों तक पहुंचा देता है। मोबाइल पर आने वाला ओटीपी भी साइबर ठगों तक पहुंच जाता है। इसके बाद वे बैंक खाते से रकम ट्रांसफर कर धोखाधड़ी की वारदातों को अंजाम देते हैं।
एसीपी सोनचंद ने बताया कि प्रदेश के डीजीपी भी इस मुद्दे पर गंभीर हैं। जिसे लेकर साइबर जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। जिसके तहत पुलिस मुख्यालय से लेकर थानों के स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। स्कूल-कॉलेज, कोचिंग सेंटर के साथ ही व्यापार मंडल के साथ समन्वय कर जागरूकता अभियानों को आगे बढ़ाया जा रहा है।
गौरतलब है कि इस तरह की चीटिंग के मामलों में अज्ञात नंबर से शादी का कार्ड भेजा जाता है। जिसमे एक एपीके फाइल छिपी रहती है। जब इस फाइल को डाउनलोड किया जाता है, तो यह फोन में एक ऐप इंस्टॉल कर देती है। जिससे हैकर्स को यूजर के फोन तक पूरी पहुंच मिल जाती है.। इसके बाद हैकर्स यूजर्स के पर्सनल डेटा जैसे सम्पर्क लिस्ट,बैंक डिटेल्स और अन्य संवेदनशील जानकारियां चुरा सकते हैं। एपीके का मतलब एंड्राइड पैकेज किट है। यह यूजर उपयोगकर्ता के एसएमएस, सम्पर्क और एप नोटिफिकेशन को पढ़ता है और सारी जानकारी एक असुरक्षित सर्वर पर भेज देती है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश