लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में आयोजित
लौह पुरुष जयंती


सहरसा, 31 अक्टूबर (हि.स.)। 17 बिहार बटालियन एनसीसी मधेपुरा कॉलेज मधेपुरा के एनसीसी कैडेट्स ने आज लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर को राष्ट्रीय एकता दिवस ओ रूप में मनाया। इस अवसर पर वाद-विवाद,भाषण प्रतियोगिता और संगोष्ठी एवं रैली का आयोजन किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ सरदार वल्लभभाई पटेल के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ।

एनसीसी पदाधिकारी सह सिण्डिकेट सदस्य मेजर डॉ गौतम कुमार ने कहा कि सरदार पटेल भारत के प्रथम गृहमंत्री और उप प्रधानमंत्री थे। उन्हें बारडोली सत्याग्रह के सफल नेतृत्व के कारण 'सरदार' की उपाधि मिली थी। उनहोंने कहा कि जिस प्रकार सरदार पटेल ने देश की विभिन्न रियासतों को जोड़कर अखंड भारत का निर्माण किया, उसी प्रकार जाति, धर्म और ऊंच-नीच के भेदभाव को छोड़कर मिलजुल कर रहने से ही देश और हमारा हित संभव है।

डॉ गौतम कुमार ने कहा भारत की आज़ादी के बाद, सबसे बड़ी चुनौती 560 से ज़्यादा रियासतों का भारतीय संघ में विलय करना था। सरदार पटेल के नेतृत्व और कूटनीति ने इसे संभव बनाया, जिससे देश का और अधिक विभाजन रुक गया। उनहोंने कहा कि उन्हें 'लौह पुरुष' कहा जाता है क्योंकि वे मजबूत इरादों वाले और दृढ़ निश्चयी थे। उनका जीवन हमें अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा की सीख देता है। श्री गौतम ने कहा कि अपने पूरे राजनीतिक जीवन में, पटेल ने स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्रता के बाद के शासन दोनों की चुनौतीपूर्ण मांगों को पूरा करने के लिए आवश्यक शक्ति और लचीलापन का उदाहरण दिया।इस अवसर पर राष्ट्रीय एकता का शपथ दिलाया गया।

हिन्दुस्थान समाचार / अजय कुमार