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अररिया31 अक्टूबर(हि.स.)। जिले का नरपतगंज विधानसभा 1962 में अस्तित्व में आया। पहला चुनाव में जहां यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था और पहले चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के डूमर लाल बैठा चुनाव जीते थे।वहीं उसके बाद 1967 में हुए सामान्य सीट के बाद नरपतगंज पर यादवों का कब्जा रहा।चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल का क्यों न हो।
नरपतगंज विधानसभा क्षेत्र के 15 चुनाव में कांग्रेस ने पांच, भाजपा ने पांच, राजद ने दो,जदयू ने दो और जनता पार्टी ने एक बार जीत दर्ज की। नरपतगंज विधानसभा क्षेत्र पहली बार अस्तित्व में 1962 में आया।उस समय यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था और पहले चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के डूमर लाल बैठा चुनाव जीते।1967 में यह सीट सामान्य सीट हुआ और 1967 चुनाव के साथ ही 1969 और 1972 के चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट से सत्यनारायण यादव ने जीत दर्ज कर हैट्रिक लगाई।लेकिन जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में लड़ी गई छात्र आंदोलन के उपज रहे 1977 में जनार्दन यादव ने जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लगातार विजय रथ को रोका।
कम उम्र में जनार्दन यादव के जीतने को लेकर हाईकोर्ट के निर्देश पर 1980 में नरपतगंज में फिर चुनाव हुई और इस बार भी जनार्दन यादव भाजपा के टिकट पर निर्वाचित हुए।लेकिन 1985 के चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने फिर वापसी की और इस बार इंद्रानंद यादव निर्वाचित हुए।1990 और 1995 के चुनाव में जनता दल के टिकट पर दयानंद यादव चुनाव जीते।लेकिन 2000 के चुनाव में भाजपा के जनार्दन यादव पर नरपतगंज की जनता ने भरोसा दिखाया और वे कामयाब रहे।2005 में राजद के अनिल कुमार यादव ने सीटिंग एमएलए जनार्दन यादव को पराजित किया।लेकिन इसी साल फिर हुए चुनाव में अनिल कुमार यादव अपनी जीत के रथ को कामयाब नहीं रख पाए और इस चुनाव में भाजपा जनार्दन यादव चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 2010 में भाजपा ने अपना उम्मीदवार बदला और पहली बार नरपतगंज से महिला विधायक के रूप में देवयंती यादव भाजपा के टिकट से चुनाव जीतने में कामयाबी हासिल की।
2015 के विधानसभा चुनाव में नरपतगंज राजद ने फिर कब्जा जमाया और राजद के अनिल कुमार यादव चुनाव जीतने में कामयाब रहे।वहीं पिछली चुनाव में 2020 में भाजपा ने फिर उम्मीदवार को बदला और इस बार जयप्रकाश यादव को टिकट दिया।भाजपा के जयप्रकाश यादव ने फिर निराश नहीं किया और 28,610 मतों के अंतर से चुनाव जीतने में कामयाबी हासिल की।
पिछले दो चुनाव परिणाम की बात करें तो 2015 के विधानसभा चुनाव में राजद के अनिल कुमार यादव 51.32 फीसदी मत लाकर कुल 90,250 मत प्राप्त किए।जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के जनार्दन यादव को 36.57 फीसदी 64,299 मत प्राप्त हुआ।वहीं पिछले 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के जयप्रकाश यादव 49.06 फीसदी मत लाकर कुल 98,397 और उनके निकटतम प्रतिद्वंदी राजद के अनिल कुमार यादव को 69,788 मत अर्थात 34.79 फीसदी मत प्राप्त हुए।
नरपतगंज विधानसभा के चुनावी दंगल में इस बार तीन पूर्व विधायक आमने सामने हैं।जबकि राजद ने पहली बार युवा चेहरा को मौका देते हुए अपने जिलाध्यक्ष मनीष यादव को उम्मीदवार बनाया है।भाजपा ने पूर्व विधायक देवयंती यादव को प्रत्याशी बनाया है तो भाजपा छोड़कर हाल ही में जन सुराज में शामिल हुए चार बार के विधायक रह चुके जनार्दन यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है।जबकि राजद से दो बार विधायक रह चुके अनिल कुमार यादव को टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में डटे हैं।वहीं राजद के मनीष यादव भी मजबूती के साथ चुनावी मैदान में ताल ठोके हुए है।
नरपतगंज विधानसभा यादव बाहुल्य इलाका माना जाता है।नरपतगंज प्रखंड के अलावा भरगामा प्रखंड के 29 पंचायतों को मिलाकर एक विधानसभा क्षेत्र है।विगत दो लोकसभा चुनाव परिणाम को लेकर जिक्र करे तो नरपतगंज विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने अच्छी बढ़त पाई है।फिलहाल तीन पूर्व विधायकों जनार्दन यादव,देवयंती यादव और अनिल कुमार यादव के अखाड़े में ताल ठोकने के साथ ही राजद उम्मीदवार मनीष यादव के चुनावी मैदान में रहने से चुनाव दिलचस्प है।उम्मीदवारों के द्वारा लगातार जनसंपर्क किया जा रहा है,दूसरी ओर मतदाताओं की खामोशी उम्मीदवारों को परेशान कर रही है।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार ठाकुर