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श्रीनगर, 30 अक्टूबर (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर छात्र संघ (जेकेएसए) ने गुरुवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के प्रति 50 करोड़ रुपये आवंटित करने और जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एनएलयू) की स्थापना की औपचारिक घोषणा करने के लिए गहरा आभार व्यक्त किया है जो जल्द ही काम करना शुरू कर देगा। अगले साल अप्रैल से संभवतः बडगाम ज़िले के ओमपोरा से।
इस फ़ैसले को क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था में एक मील का पत्थर बताते हुए एसोसिएशन ने कहा कि यह जम्मू-कश्मीर में उन्नत कानूनी शिक्षा के लिए समर्पित एक संस्थान की लंबे समय से प्रतीक्षित आवश्यकता की पूर्ति का प्रतीक है।
एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट उमर जमाल ने कहा कि जेकेएसए वर्षों से जम्मू-कश्मीर में एक राष्ट्रीय कानूनी विश्वविद्यालय (एनएलयू) के निर्माण की सक्रिय रूप से वकालत कर रहा था। जमाल ने कहा कि हमने कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा था जिसमें उनसे इस प्रक्रिया को शुरू करने का आग्रह किया गया था। आज की घोषणा से आखिरकार हमारे प्रयासों का फल मिला।
उन्होंने विधानसभा में मुख्यमंत्री की घोषणा की सराहना की जहाँ उमर अब्दुल्ला ने पुष्टि की कि विश्वविद्यालय शुरू में बडगाम के ओमपोरा में एक अस्थायी परिसर से संचालित होगा और स्थायी स्थान का निर्धारण बाद में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और बार काउंसिल ऑफ इंडिया के परामर्श से किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अतिरिक्त मुख्य सचिव शांतमनु की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है जो अन्य राज्यों के मॉडलों का अध्ययन करेगी और एनएलयू की रूपरेखा को अंतिम रूप देगी जो अगले वित्तीय वर्ष में प्रवेश और कक्षाएं शुरू करेगी।
जमाल ने आगे कहा कि मीडिया प्रकाशनों विचार-विमर्श और नीति परामर्श के माध्यम से एसोसिएशन के निरंतर अभियान ने क्षेत्र में ऐसे संस्थान की तत्काल आवश्यकता पर लगातार प्रकाश डाला है। उन्होंने कहा कि कई वर्षों से जम्मू-कश्मीर के इच्छुक विधि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की तलाश में आर्थिक और भावनात्मक बोझ उठाते हुए दूसरे राज्यों में पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ा। एनएलयू अंततः हमारे छात्रों को केंद्र शासित प्रदेश में ही उत्कृष्ट विधि शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा।
एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. जुबैर रेशी ने कहा कि कश्मीर विश्वविद्यालय और जम्मू विश्वविद्यालय के मौजूदा विधि विद्यालयों में अपनी योग्यता के बावजूद मूटिंग विधिक क्लीनिक और इंटर्नशिप जैसे अनुभवात्मक शिक्षण अवसरों का अभाव है जो प्रमुख एनएलयू की विशेषताएँ हैं। यह नया विश्वविद्यालय इस अंतर को पाटेगा और वकीलों, विद्वानों और नीति निर्माताओं की एक ऐसी पीढ़ी का निर्माण करेगा जो जम्मू-कश्मीर की विधि और शासन प्रणालियों में योगदान दे सकें।
उन्होंने कहा कि एनएलयू की स्थापना जम्मू-कश्मीर के शैक्षणिक और संस्थागत विकास में एक परिवर्तनकारी छलांग का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने आगे कहा कि यह विधि छात्रवृत्ति और शोध उत्कृष्टता को बढ़ावा देगा जिससे हमारे छात्रों के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के द्वार खुलेंगे। एसोसिएशन ने सरकार से शीघ्र कार्यान्वयन धन का पारदर्शी उपयोग और जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख के छात्रों को समान अवसर प्रदान करने वाली एक समावेशी प्रवेश प्रक्रिया सुनिश्चित करने की भी अपील की।
हिन्दुस्थान समाचार / राधा पंडिता