सरकार ने आदिवासी सीएस को हटाया लेकिन स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री को नहीं : भाजपा
भाजपा नेता हेमंत केसरी


पश्चिमी सिंहभूम, 30 अक्टूबर (हि.स.)। चाईबासा सदर अस्पताल में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को संक्रमित एचआईवी रक्त चढ़ाने की गंभीर घटना को लेकर भाजपा ने राज्य सरकार और स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी पर तीखा हमला बोला है।

भाजपा पिछड़ा जाति मोर्चा के प्रदेश मंत्री हेमंत कुमार केशरी ने गुरुवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि स्वास्थ्य मंत्री का चाईबासा दौरा केवल खानापूर्ति साबित हुआ।

उन्होंने कहा कि मंत्री ने अस्पताल में आकर केवल औपचारिकता निभाई और वास्तविक जांच की बजाय शेखी बघारने में समय व्यतीत किया। प्रेस वार्ता के दौरान जब पत्रकारों ने बच्चों के खून की जांच रिपोर्ट आने में लगने वाले समय पर सवाल पूछा, तो मंत्री और सिविल सर्जन के जवाबों में विरोधाभास देखने को मिला, सिविल सर्जन ने जहां 4 घंटे का समय बताया, वहीं मंत्री जी ने एक माह का समय कह दिया, जिससे पूरा मामला मजाक बन गया।

हेमंत केशरी ने आरोप लगाया कि राज्यभर में बिना लाइसेंस के ब्लड बैंक संचालित हो रहे हैं और कई जगहों पर जांच मशीनें भी ठीक स्थिति में नहीं हैं। इसे खुद मंत्री ने स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकार की गंभीर लापरवाही है, जिससे मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ हो रहा है।

भाजपा नेता ने कहा कि हाईकोर्ट ने भी इस मामले पर स्वास्थ्य विभाग के रवैये पर कड़ा रुख अपनाते हुए नाराजगी जताई है, जिससे पूरा झारखंड शर्मसार हुआ है।

इसके बावजूद मुख्यमंत्री स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि इस घटना में आदिवासी सिविल सर्जन और ब्लड बैंक प्रभारी को निलंबित कर दिया गया, लेकिन मंत्री के खिलाफ कोई कदम क्यों नहीं उठाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के विभिन्न सदर अस्पतालों में मेडाल कंपनी के माध्यम से खून जांच की व्यवस्था बंद कर दी गई है, जिससे स्थिति और बिगड़ गई है।

विज्ञप्ति में उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग किया कि स्वास्थ्य मंत्री को तुरंत पद से हटाया जाए और राज्यभर में संचालित सभी ब्लड बैंकों की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक