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श्रीनगर, 30 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्र शासित प्रदेश में हाल ही में आई बाढ़ के बाद की स्थिति पर चर्चा के लिए अपने स्थगन प्रस्ताव को खारिज किए जाने के विरोध में विपक्षी भाजपा विधायकों ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा से वाकआउट किया।
भाजपा विधायकों ने पूरे प्रश्नकाल के दौरान खड़े रहने के बाद वाकआउट किया। विपक्षी सदस्यों ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के इस्तीफे और उनसे अधूरे वादों के लिए माफी मांगने की भी मांग की।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा नेता खड़े हो गए और प्रश्नकाल स्थगित करने और जम्मू के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर आधे घंटे की चर्चा की मांग करने लगे। अध्यक्ष अब्दुल रहीम राठेर ने भाजपा सदस्यों से अपनी सीटों पर बैठने और प्रश्नकाल चलने देने का अनुरोध किया।
अध्यक्ष ने कहा कि प्रश्नकाल के बाद हम देखेंगे। मैं उन्हें प्रश्नकाल के बाद बोलने की अनुमति दूंगा। हालांकि, भाजपा सदस्य नहीं माने और अपनी मांग पर अड़े रहे।
अध्यक्ष ने पूछा कि क्या आप प्रश्नकाल नहीं चाहते और कहा कि मैं वादा करता हूँ कि मैं कोई रास्ता निकालूँगा। राथर ने कहा कि स्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया है क्योंकि नियम 58 (12) ऐसे विषय पर स्थगन प्रस्ताव स्वीकार करने पर रोक लगाता है जिसे सत्र में पहले ही अस्वीकार किया जा चुका है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जसरोटा से भाजपा विधायक राजीव जसरोटिया ने कहा कि आपने (अध्यक्ष) प्रस्ताव को स्वीकार करने का वादा किया था। लेकिन आपने उसे पूरा नहीं किया। अध्यक्ष ने जवाब दिया कि समय की कमी के कारण प्रस्ताव नहीं लाया जा सका।
जसरोटिया ने कहा कि आप कल समय बढ़ा सकते थे। अध्यक्ष ने पलटवार करते हुए कहा कि आपको यह बात कल ही उठानी चाहिए थी। हंगामे के बीच विपक्ष के नेता (एलओपी) सुनील शर्मा ने कहा कि अगस्त की बारिश ने जम्मू-कश्मीर के अधिकांश इलाकों को प्रभावित किया है और केंद्र शासित प्रदेश के लोगों को इस सदन से उम्मीद है कि विधायक उनके मुद्दे उठाएंगे।
शर्मा ने कहा कि हमने सदन के नियमों का सम्मान किया और आपके वादों का पालन किया। कल प्रस्तावों को इस तरह से प्रबंधित किया गया कि यह महत्वपूर्ण प्रस्ताव सदन में ही नहीं आया। सरकार इस महत्वपूर्ण मुद्दे में उदासीन प्रतीत होती है। उन्होंने आगे कहा कि बाढ़ पीड़ितों का अनादर किया गया है।
विपक्षी नेता ने कहा कि विधानसभा सत्र के पहले ही दिन इस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए थी और उन्होंने सरकार पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया।
शर्मा ने आगे कहा कि सरकार क्या छिपाना चाहती है। आज मीडिया में लोक निर्माण विभाग में एक घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। सरकार क्यों भाग रही है। वे भ्रष्टाचार छिपाना चाहते हैं। शर्मा की इस टिप्पणी पर सत्ता पक्ष ने विरोध जताया। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के खड़े होने से सदन में हंगामा मच गया।
गुरेज़ से सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के विधायक नज़ीर अहमद खान गुरेजी ने कहा कि भाजपा सदस्य नाटक कर रहे हैं और सदन का समय बर्बाद कर रहे हैं
आरोप-प्रत्यारोप के बीच उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने भाजपा विधायकों की ओर इशारा करते हुए कहा कि चोर मचाए शोर।
नेकां के एक अन्य विधायक सलमान सागर ने भाजपा से 2014 से 2024 तक के दस वर्षों का हिसाब मांगा, जब भाजपा 2018 तक पीडीपी के साथ सत्ता में थी और उसके बाद जम्मू-कश्मीर केंद्र के शासन में था। हंगामा जारी रहने पर किश्तवाड़ से भाजपा विधायक शगुन परिहार ने सदन के वेल में जाने की कोशिश की लेकिन महिला वॉच एंड वार्ड स्टाफ ने उन्हें रोक दिया।
दो भाजपा विधायकों आर.एस. पठानिया और सुरिंदर कुमार को वेल में कूदने के बाद मार्शलों द्वारा बाहर निकाल दिया गया। हंगामे के बीच प्रश्नकाल जारी रहा लेकिन भाजपा विधायक समाप्ति तक खड़े रहे। प्रश्नकाल समाप्त होते ही भाजपा विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया।
शरदकालीन सत्र में विधायकों का यह पहला वाकआउट था। भाजपा विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से अधूरे वादों के लिए माफी मांगने और उनके इस्तीफे की भी मांग की।
हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता