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अयोध्या, 30 अक्टूबर (हि.स.)। राम नगरी की प्रसिद्ध 14 कोसी परिक्रमा मुहूर्त और तिथि के अनुसार आज से शुरू हो चुकी है। प्रतिवर्ष अक्षय नवमी तिथि पर श्रद्धालु 14 कोसी परिक्रमा करते हैं। परिक्रमा का शुभ मुहूर्त 30 अक्तूबर की सुबह 04:50 बजे था, लेकिन श्रद्धालुओं ने रात करीब दो बजे से ही परिक्रमा शुरू कर दी। परिक्रमा में 20 लाख से अधिक श्रद्धालु अयोध्या पहुंचेंगे।यह 14 कोसी परिक्रमा 31 अक्टूबर को सुबह 8 बजे तक चलेगी। सुबह से हो रही रिमझिम बरसात में भी धर्मनगरी अयोध्या के चतुर्दिक लगभग 45 किलोमीटर लंबे परिक्रमा पथ पर लाखों पग एक साथ चल रहे हैं। 5 जोन 11 सेक्टर बनाए गए हैं 14 कोसी परिक्रमा को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। 14 कोस के लगभग 45 किलोमीटर से लंबे परिक्रमा पथ पर श्रद्धालुओं के लिए जिला प्रशासन ने बृहद स्तर पर तैयारी की है। अयोध्या जिलाधिकारी के मुताबिक इस बार परिक्रमा को सकुशल संपन्न कराए जाने हेतु सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।जल बेरीकेडिंग स्थाई कर दी गई है। जल सुरक्षा हेतु प्राइवेट गोताखोरों की व्यवस्था के साथ-साथ जल पुलिस एवं एसडीआरएफ के जवान भी तैनात किए गए हैं।संपूर्ण परिक्रमा क्षेत्र में पांच हजार सुरक्षाकर्मियों ने मोर्चा संभाल लिया है। चौदहकोसी परिक्रमा पौराणिक मान्यता है कि अक्षय नवमी को किया गया कार्य कभी क्षय अर्थात समाप्त नहीं होता. इसलिए अक्षय नवमी तिथि को लोग धार्मिक अनुष्ठान पूजा पाठ व्रत और दान पुण्य करते हैं. कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की नवमी को अयोध्या के चौदहकोस परिवृत्त से परिक्रमा की जाती है। इस परिक्रमा को करने के लिए भक्त अयोध्या आते हैं और स्थानीय लोग नवमी का इंतजार करते हैं। तिथि के लगने पर सरयू स्नान कर परिक्रमा पथ को शीश से स्पर्श कर प्रणाम कर भगवान का ध्यान कर परिक्रमा प्रारम्भ करते हैं । परिक्रमा अवधि में नंगे पैर चलते हुये भजन आदि करते हुये परिक्रमा प्रारम्भ स्थल पर पहुँच कर परिक्रमा को समाप्त कर अयोध्या के मंदिरों का दर्शन कर अपने स्थान को वापस जाते हैं। मेडिकल कैंप और भंडारे की है व्यवस्था परिक्रमा के किनारे जगह-जगह पर प्रशासन और स्वयंसेवी संगठनों ने मेडिकल कैंप लगाए गए हैं। आवश्यकतो होने पर श्रद्धालुओं को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा रहीं हैं। इसके साथ बड़े पैमाने पर जगह-जगह स्थानीय लोगों द्वारा भंडारे भी चल रहे हैं ।
हिन्दुस्थान समाचार / पवन पाण्डेय