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लखनऊ, 29 अक्टूबर(हि.स.)। उत्तर प्रदेश विधानसभा आज ज्ञान, जिज्ञासा और संवाद का अद्भुत संगम बनी। कानपुर के छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के अटल बिहारी वाजपेयी स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज के एल.एल.बी., बी.ए.एल.एल.बी., बी.बी.ए.एल.एल.बी. एवं एल.एल.एम. पाठ्यक्रमों के 35 छात्र-छात्राओं का समूह विधानसभा पहुंचा। विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इन विद्यार्थियों से संवाद किया।
विधानसभा के समिति कक्ष में हुए इस विशेष सत्र में विद्यार्थियों ने विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना से बेबाक सवाल पूछे। विधानसभा की कार्यप्रणाली कैसी होती है ? समितियां वर्ष भर क्या कार्य करती हैं ? एक जनप्रतिनिधि किन चुनौतियों से जूझता है ? अध्यक्ष महाना ने हर प्रश्न का उत्तर अत्यंत सहज, प्रेरक और अनुभवसमृद्ध शैली में दिया।
सतीश महाना ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि “विधानसभा केवल विधायी कार्यों का केंद्र नहीं, बल्कि यह लोकशक्ति का मंदिर है, जहां विचार, तर्क और संवाद से नीति का जन्म होता है। उन्होंने बताया कि “कोई व्यक्ति त्रुटिपूर्ण हो सकता है, परन्तु उससे संस्था की मर्यादा पर प्रश्न नहीं उठता। समितियां पूरे वर्ष सक्रिय रहती हैं और विधानसभा सत्र में जो विषय आते हैं, वे गहन विमर्श और अध्ययन के बाद प्रस्तुत होते हैं।”
महाना ने कहा कि “उत्तर प्रदेश विधानसभा देश की सबसे सुंदर और सुसंगठित विधानसभाओं में एक है। 18वीं विधानसभा में विधायकों को अपनी बात रखने का पूरा अवसर दिया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि “लोकतांत्रिक व्यवस्था में विधायिका वह विराट स्तंभ है, जो शासन, समाज और जनविश्वास के बीच संतुलन बनाए रखता है। जनधारणा को सकारात्मक दिशा देना और विधिक शिक्षा के प्रति सम्मानजनक सोच विकसित करना समय की मांग है।”
भ्रमण के दौरान छात्रों ने विधानसभा की ऐतिहासिक विरासत, भव्य पुस्तकालय और सदन की कार्यप्रणाली को नजदीक से देखा। विधान सभा अध्यक्ष महाना ने छात्रों से कहा कि “विधानसभा का हर कोना जनसेवा की कहानी कहता है और विधिक अध्ययन का उद्देश्य यही है कि आप समाज के लिए न्याय, व्यवस्था और विश्वास का पुल बनें।” छात्रों ने इस संवाद को जीवन का अविस्मरणीय अनुभव बताया और कहा कि यह भ्रमण केवल अध्ययन नहीं, बल्कि लोकतंत्र को जीने का अवसर था।-------------
हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप शुक्ला