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हरिद्वार, 29 अक्टूबर (हि.स.)। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में चल रहे कन्या कौशल प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन विभिन्न वक्ताओं ने प्रतिभागियों को जीवन में सफलता और व्यक्तित्व विकास के सूत्र सिखाते हुए कहा कि जीवन का उद्देश्य केवल बड़ा आदमी बनना नहीं, बल्कि संवेदनशील, संस्कारित और चरित्रवान व्यक्तित्व बनना होना चाहिए।
शिविर के दूसरे दिन प्रतिभागियों ने शांतिकुंज की अधिष्ठात्री शैलदीदी से भेंटकर आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने प्रतिभागियों को जीवन में सफलता प्राप्त करने के विविध उपाय बताते हुए कहा कि सकारात्मक सोच, नियमित दिनचर्या और आत्मअनुशासन से जीवन में हर लक्ष्य पाया जा सकता है।
देव संस्कृति विश्व विद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने अपने संदेश में कहा कि विद्यार्थीकाल जीवन का स्वर्णिम अवसर होता है। इस काल में किए गए प्रत्येक कर्म भविष्य की मजबूत नींव बनाते हैं। उन्होंने प्रतिभागियों को स्वामी विवेकानंद और युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य के जीवन से प्रेरणा लेने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक विकास से संबंधित सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षकों ने बताया कि प्रत्येक दिन का आरंभ प्रार्थना, स्वाध्याय और सकारात्मक विचारों से करना चाहिए, जिससे जीवन में स्थिरता और आत्मविश्वास आता है। आधुनिक युग की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए प्रतिभागियों को साइबर क्राइम जागरूकता पर एक वीडियो दिखाया गया। इसमें मोबाइल और इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग तथा ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाव के उपायों की जानकारी दी गई।
इस अवसर पर राजस्थान से आईं तीन सौ से अधिक प्रतिभागियों सहित शांतिकुंज के अनेक कार्यकर्त्ता उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला