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कोलकाता, 29 अक्टूबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को राज्य की मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया में “गंभीर राजनीतिक हस्तक्षेप” का आरोप लगाते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग के मानकों का खुला उल्लंघन किया है। उन्होंने एक तृणमूल नेता का नाम बीएलओ की सूची में होने का दावा करते हुए एक पोस्ट शेयर किया है।
अधिकारी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट में दावा किया कि पूर्व मेदिनीपुर जिले के पाटशपुर विधानसभा क्षेत्र (संख्या 212) के मनीनाथपुर प्राथमिक विद्यालय स्थित मतदान केंद्र (भाग संख्या 13) में नियुक्त बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) नब कुमार मलिक, तृणमूल कांग्रेस की निर्वाचित पंचायत समिति सदस्य रीता भांज मलिक के पति हैं।
भाजपा नेता ने इसे “निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का घोर उल्लंघन” बताते हुए कहा कि बीएलओ के रूप में केवल तटस्थ सरकारी अधिकारियों की नियुक्ति की जानी चाहिए, लेकिन तृणमूल सरकार के अधीन पार्टी कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों के परिजनों और राजनीतिक निष्ठा रखने वाले शिक्षकों को नियुक्त किया गया है।
अधिकारी ने आरोप लगाया कि यह मामला कोई अकेला उदाहरण नहीं है, बल्कि पूरे राज्य में बूथ लेवल अधिकारियों की सूची “तृणमूल समर्थकों और रिश्तेदारों से भरी हुई” है, जिससे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की भावना पर आघात पहुंचा है।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के विभिन्न इलाकों में ऐसे पक्षपातपूर्ण और राजनीतिक रूप से प्रभावित व्यक्तियों को मतदाता सूची में हेरफेर करने और चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए नियुक्त किया गया है। राज्यभर में बीएलओ की नियुक्तियों का पूर्ण ऑडिट होना चाहिए ताकि ऐसे तत्वों को हटाया जा सके।
अधिकारी ने इस संबंध में चुनाव आयोग, राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और आयोग के प्रवक्ता को टैग करते हुए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।
दरअसल भाजपा ने पहले भी आरोप लगाया था कि विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया में तृणमूल कांग्रेस सरकार मतदाता सूची में “संगठित ढंग से छेड़छाड़” कर रही है, जबकि तृणमूल इन आरोपों को “राजनीतिक दुष्प्रचार” बता चुकी है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर