कांकेर :आत्मसमर्पित नक्सलियों को संविधान की प्रति सौंपकर मुख्यधारा में शामिल होने पर स्वागत
21 नक्सलियों को कांकेर कलेक्टर, बस्तर आईजी व गायता-मांझी ने किया स्वागत


कांकेर, 29 अक्टूबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के उत्तर बस्तर कांकेर में 21 नक्सलियों ने 'पूना मार्गम, पुनर्वास के माध्यम से पुनर्जीवन' पहल के तहत 26 अक्टूबर को संगठन छोड़ा था । पुलिस ने 21 आत्मसमर्पित नक्सलियों को बुधवार 29 अक्टूबर को कांकेर में मीडिया के सामने जंगलवार कालेज में आयोजित कार्यक्रम में रेड कारपेट में पेश किया गया । कांकेर कलेक्टर, बस्तर आईजी एवं कांकेर के गायता-मांझियों ने उन्हें संविधान की किताब भेंट कर मुख्यधारा में शामिल होने पर स्वागत किया। इस आत्मसमर्पण के बाद उत्तर बस्तर डिवीजन की इंद्रावती एरिया कमेटी का माड़ डिवीजन लगभग खाली हो गया है।

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली केशकल डिवीजन (नॉर्थ सब जोनल ब्यूरो) की कुएमारी और किसकोडो एरिया कमेटी से संबंधित हैं। इनमें डिवीजन कमेटी सेक्रेटरी मुकेश भी शामिल हैं, कुल 21 कैडरों में 13 महिला और 8 पुरुष शामिल हैं। इन कैडरों में 4 डीवीसीएम (डिवीजन वाइस कमेटी मेंबर), 9 एसीएम (एरिया कमेटी मेंबर) और 8 पार्टी सदस्य हैं, जिन्होंने हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का निर्णय लिया है। नक्सल कैडरों द्वारा सौंपे गए हथियारों में 3 एके-47 राइफलें, 4 एसएलआर राइफलें, 2 इंसास राइफलें, 6 संख्या में 303 राइफलें, 2 सिंगल शॉट राइफलें और 1 बीजीएल हथियार शामिल हैं।

इस दौरान कांकेर कलेक्टर क्षीरसागर ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति कि तहत मुख्यधारा में लौटे 13 नक्सलियों को शासकीय सेवा हेतु नियुक्ति प्रदान की गई है। इसी तरह 36 को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि मुख्यधारा में लौटे युवाओं को विभिन्न रोजगार एवं आजीविका मूलक गतिविधियों से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।

बस्तर आईजी पी सुंदरराज ने कहा कि एक समय था जब नक्सलियों के पोलित ब्यूरो और सेंट्रल कमेटी में 45 सदस्य हुआ करते थे, लेकिन 2025 की शुरुआत में इनकी संख्या घटकर 18 रह गई थी, और 2025 का आखिर तक महज 6 से 7 सेंट्रल कमेटी और पोलित ब्यूरो मेंबर शेष बचे हैं, जो दक्षिण बस्तर के जंगलों में छिपे हुए हैं । आईजी ने कहा कि दक्षिण बस्तर में छिपे नक्सलियों से अपील कर रहे हैं, और उन्हें चेतावनी भी दे रहे हैं, कि अब भी समय है, वो सभी आत्मसमर्पण कर दें अन्यथा बस्तर के तैनात डीआरजी समेत सभी सुरक्षाबल के जवान उनसे निपटने के लिए तैयार बैठे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे