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पूर्वी सिंहभूम, 29 अक्टूबर (हि.स.)। सिदगोड़ा थाना क्षेत्र के बारीडीह स्थित टाटा स्टील के खाली पड़े के-2 क्वार्टर में हाल ही में हुई पुलिस और अपराधियों की मुठभेड़ के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। फरार एक और अपराधी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि घायल अपराधी रवि महानंद उर्फ गोपला का इलाज एमजीएम अस्पताल में चल रहा है। पुलिस ने दोनों आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर जेल भेज दिया है।
बुधवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सिटी एसपी कुमार शिवाशीष ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ अपराधी के-2 क्वार्टर में छिपे हैं। सूचना पर पुलिस ने घेराबंदी कर दरवाजा खुलवाने की कोशिश की, लेकिन अंदर से अपराधियों ने पुलिस पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने आत्मरक्षार्थ फायरिंग की, जिसमें रवि महानंद उर्फ गोपला घायल हो गया। उसे तुरंत एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटनास्थल से पुलिस ने एक पिस्तौल, कारतूस, खोखा, शराब की बोतलें, डिस्पोजल गिलास, मिक्सचर और प्लास्टिक की चादर बरामद की।
मुठभेड़ के दौरान एक अपराधी मौके से भागने में सफल हुआ था। उसी रात पुलिस ने सीतारामडेरा स्लैग रोड में घेराबंदी कर आकाश सिंह उर्फ लालू को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि 10 अक्तूबर को रंगदारी वसूली के लिए व्यवसायी हरेराम सिंह के घर पर फायरिंग की थी।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आकाश सिंह और दशरथ शुक्ला, दोनों पहले से हरेराम सिंह और उसके बेटे हरीश सिंह के साथ व्यवसाय में सहयोगी के रूप में काम करते थे और उन्हें प्रतिमाह 10 हजार रुपये वेतन मिलता था। छह माह पूर्व जब झारखंड में सरकारी शराब दुकानों का ठेका निकला, तो हरीश सिंह ने दोनों को काम देने का आश्वासन दिया था, पर ठेका मिलने के बाद उसने अपने पुराने सहयोगी मध्यप्रदेश के ग्वालियर निवासी प्रेम नारायण शिवहरे को यह काम दे दिया। इससे नाराज होकर दोनों ने बदले की भावना से कुख्यात अपराधी सुजीत सिन्हा से संपर्क किया और हरेराम सिंह से रंगदारी वसूली की साजिश रची।
सुजीत सिन्हा ने दुबई में रह रहे गैंगस्टर प्रिंस खान से संपर्क कर हरेराम सिंह और उसके परिवार को धमकी देने की योजना बनाई। कई बार कॉल और व्हाट्सएप के माध्यम से रंगदारी की मांग की गई। जब रंगदारी नहीं दी गई, तो स्थानीय शूटरों के जरिए 10 अक्तूबर की सुबह हरेराम सिंह के घर पर फायरिंग की गई।
इस वारदात के लिए दशरथ शुक्ला और आकाश सिंह रांची जाकर सुजीत सिन्हा गिरोह के रिया सिन्हा और बबलू खान से हथियार और गोलियां लेकर आए थे। 23 अक्तूबर को पुलिस ने दशरथ शुक्ला को तीन पिस्तौल और कारतूसों के साथ गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस का कहना है कि इस कार्रवाई और मुठभेड़ से अपराधियों का मनोबल टूट गया है और शहर में अपराध पर कड़ा संदेश गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक