शमीक भट्टाचार्य ने एसआईआर एवं नागरिकता मसले पर दिया बड़ा बयान: कहा- 'डिटेक्ट एवं डिलिट नीति लागू होगी'
शमिक भट्टाचार्य


कोलकाता, 29 अक्टूबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल भाजपा के राज्य अध्यक्ष शमीक भट्टाचार्य ने बुधवार को सॉल्टलेक स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय से पत्रकारों को संबोधित करते हुए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और नागरिकता से जुड़े मसलों पर कड़ा रुख अपनाने का एलान किया। उन्होंने कहा कि राज्य में हालिया जनसंख्या रुझान विशेषकर कुछ इलाकों में मुस्लिम मतदाताओं की बढ़ती हिस्सेदारी चिंता का विषय है तथा विदेशी और अवैध प्रवासियों को मतदाता सूची से हटाने के लिए भाजपा सख्त कदम उठाएगी।

भट्टाचार्य ने दावा किया कि 2002 से अब तक हुई जनसंख्या वृद्धि के आंकड़ों में हिंदू व मुस्लिम आबादी के बीच जो अंतर आया है, वह चिंताजनक है और खासकर डायमंड हार्बर तथा जयनगर जैसे क्षेत्रों में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या असामान्य रूप से बढ़ी है। उन्होंने बताया कि यह बदलाव केवल सीमांत जिलों तक सीमित नहीं है, बल्कि कोलकाता के आसपास के विधानसभा क्षेत्रों में भी धीरे-धीरे मुस्लिम बहुलता बढ़ती जा रही है।

राज्य अध्यक्ष ने कहा, “हमारा उद्देश्य डिटेक्ट और डिलिट है—कोई भी विदेशी नागरिक, चाहे वह रोहिंग्या हो या अन्य किसी देश से अवैध रूप से आया हुआ प्रवासी, पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची में नहीं रहेगा। जो मुस्लिम पश्चिम बंगाल के मूल निवासी हैं और विभाजन के समय यहीं रहे, जिनका आराध्य व सुख-दुःख इस प्रदेश के साथ जुड़ा है, उन पर भाजपा का कोई विरोध नहीं है।”

एसआईआर और एनआरसी से जुड़े आरोप-प्रत्यारोप पर प्रतिक्रिया देते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा किसी तरह की सांप्रदायिक राजनीति नहीं करती, परन्तु कुछ क्षेत्रों को जानबूझकर मुस्लिम बहुल बनाया जा रहा है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि बिहार में शांतिपूर्ण ढंग से एसआईआर संपन्न हुआ है और अन्य राज्यों में भी प्रक्रिया पूरी हुई है, जबकि पश्चिम बंगाल में भय का वातावरण बनाकर जनता को गुमराह किया जा रहा है।

उन्होंने 100 दिनों के कार्य योजना के संदर्भ में कहा कि भाजपा भी राज्य में 100 दिनों का काम लागू करने की इच्छुक है और लोगों ने इस संबंध में पार्टी से संपर्क किया है। भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस भ्रष्टाचार के हिसाब नहीं देती और राज्य में अनियंत्रित लालच व भ्रष्टाचार राज्य को नष्ट कर रहा है।

भट्टाचार्य ने यह भी कहा कि प्रदेश में महरम की जुलूस और दुर्गा पूजा के विसर्जन को समान रूप से और समन्वित रूप से सुनिश्चित करने का प्रयास भाजपा करेगी तथा जिन किसानों के पट्टे छीन लिए गए हैं, उनके पट्टे वापस सितंबर 2026 में दिलाए जाएंगे—चाहे वे हिंदू हों या मुस्लिम।

भट्टाचार्य के वक्तव्य ने राज्य में एसआईआर, एनआरसी और मतदाता सूची संबंधी बहस को एक बार फिर तेज कर दिया है, जबकि विरोधी दल टीएमसी ने पहले ही ये आरोप लगाकर भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर