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नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (हि.स.)। उच्चतम न्यायालय ने ट्रायल कोर्ट में आरोप तय करने में काफी देर होने पर गहरा असंतोष व्यक्त किया है। जस्टिस अरविंद कुमार की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि एक बार चार्जशीट दाखिल हो जाने के बाद आरोप जल्द तय होने चाहिए। कोर्ट ने वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा से आग्रह किया कि वे बिहार सरकार के वकील के साथ इस मामले में कोर्ट की मदद करें। कोर्ट ने इस मामले में अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से भी कोर्ट की मदद करने का आग्रह किया।
कोर्ट ने इस बात को नोट किया कि इस तरह की देरी पूरे देश में व्याप्त है। ये देरी तब है जब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत पहली सुनवाई के 60 दिनों के अंदर आरोप तय करने का प्रावधान है। कोर्ट ने कहा कि आरोप तय करने के लिए अखिल भारतीय स्तर पर दिशानिर्देश जारी करने की जरुरत है।
दरअसल कोर्ट अमन कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी। अमन डकैती और हत्या के प्रयास के मामले में अगस्त 2024 से विचाराधीन कैदी के रुप में जेल में है। इस मामले में बिहार पुलिस ने सितंबर 2024 में चार्जशीट दाखिल किया था। अमन कुमार ने याचिका में कहा है कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया है और पुलिस ने उसे झूठे बयानों के आधार पर फंसाया है।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रभात मिश्रा