श्री राम कथा : प्रातकाल उठि कै रघुनाथा, मातु पिता गुरु नावहिं माथा .चौपाई पर हुई कथा
पुलिस लाइन मंदिर में आयोजित संगीतमय नवदिवसीय श्री राम कथा का श्रवण कराते आचार्य व्योम त्रिपाठी।


--पुलिस लाइन मंदिर में आयोजित संगीतमय नाै दिवसीय श्री राम कथा का चाैथा दिन

मुरादाबाद, 28 अक्टूबर (हि.स.)। कुंज बिहारी महिला मंडल के तत्वावधान में सिविल लाइन स्थित पुलिस लाइन मंदिर में आयोजित संगीतमय नाै दिवसीय श्री राम कथा के चतुर्थ दिन बुधवार को भगवान श्री राम की बाल लीलाओं का वर्णन किया गया। कथावाचक आचार्य व्योम त्रिपाठी ने प्रातः काल उठि के रघुनाथा मात-पिता गुरु नावहि माथा चौपाई का विस्तार से वर्णन किया।

कथावाचक आचार्य व्योम त्रिपाठी ने बताया कि भगवान राम के जन्म के बाद पूरे अयोध्या में शहनाई की आवाज गूंज रही थी। श्री राम की बाल लीला संसार की सकारात्मक एवं सुखद आनंदमई लीला है ,भगवान राम की बाल लीला में ही उनके साम्यवादी चिंतन तथा उनका क्रियात्मक रूप स्पष्ट होता है, जब वह दशरथ के आंगन में विहार करते हैं और महाराज दशरथ उन्हें भोजन के लिए बुलाते हैं तो वह समता के पोषक होकर बाल शाखाओं के साथ खेला करते हैं और वह भोजन के लिए नहीं आते हैं। किंतु जब माता कौशल्या उन्हें वात्सल्य भाव से बुलाती है तो वह ठुमक, ठुमक, कर उनके पास आते हैं।

कथा में महाराज ने बताया कि बाल काल में भगवान राम की लीलाओं के दर्शन करने के लिए देवता भी तरसते थे। भगवान शिव खुद ही वीर हनुमान के साथ वेश बदलकर भगवान राम की बाल लीलाओं के दर्शन करने आए थे। कथावाचक ने आगे कहा कि श्री राम कथा का श्रवण कर उनका अनुसरण करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। हमें भगवान श्री राम द्वारा स्थापित किए गए आदर्शों पर चलने का प्रयास करना चाहिए।

मुख्य यजमान डॉ शशि अरोड़ा व अशोक अरोड़ा रहे। दैनिक यजमान शिक्षा गोयल व मीनू गुप्ता रहीं। कथा में वृंदावन से पधारे कथावाचक गुरु शिव कुमार शास्त्री, अनु गोयल, तारा खंडेलवाल, मंजू शर्मा, मीरा गुप्ता, मंजू जोशी, निमित जायसवाल, ज्ञानेंद्र देव शर्मा, अनिल भगत, राकेश ढल, मनुस्मृति शर्मा, कल्पना, राज मित्तल, कल्पना, शशि आदि उपस्थित रहीं।

हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जायसवाल