Enter your Email Address to subscribe to our newsletters

मुंबई, 29 अक्टूबर (हि.स.)। महाराष्ट्र के निकाय चुनावों में वीवीपैट के इस्तेमाल पर राज्य निर्वाचन आयोग ने साफ इनकार कर दिया है। साफ किया गया है कि निकाय चुनावों से जुड़े कानून में वीवीपैट के उपयोग का कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए आगामी निकाय चुनावों में वीवीपैट का उपयोग करना संभव नहीं है।
विपक्ष मतदाता सूची में गड़बड़ी और ईवीएम मशीनों के साथ वीवीपैट के इस्तेमाल को लेकर आक्रामक है। विपक्ष की मांग है कि चुनाव में किसी प्रकार की धोखाधड़ी न हो इसलिए वीवीपैट का उपयोग किया जाना चाहिए। हालांकि आयोग ने स्पष्ट किया है कि कुछ अपवादों के साथ लगभग सभी निकाय चुनाव बहु-सदस्यीय वार्ड प्रणाली के अनुसार कराए जाते हैं। देश के सभी राज्य चुनाव आयोग की 'तकनीकी मूल्यांकन समिति' (टीईसी) वीवीपैट कनेक्शन सुविधा के साथ वोटिंग मशीनों के विकास का अध्ययन कर रही है। इसकी अंतिम रिपोर्ट अभी तक पेश नहीं की गई है। रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद भविष्य में इस संबंध में उचित निर्णय लिया जाएगा। निकाय चुनावों में अभी तक वीवीपैट का उपयोग नहीं किया गया है। ईवीएम इस्तेमाल का प्रावधान वर्ष 2005 में अधिनियमों में किया गया था। लेकिन वीवीपैट का संबंधित अधिनियमों या नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। बहु-सदस्यीय वार्ड प्रणाली में हर वोटर को औसतन 3 से 4 वोट डालने का अधिकार होता है।
आयोग के अनुसार साल 1989 में लोकसभा और विधानसभा चुनावों में ईवीएम के संबंध में ‘जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में धारा ‘61ए’ डाली गई थी। वर्ष 2013 में वीवीपैट के संबंध में नियम बनाए गए थे। इसके तहत लोकसभा और विधानसभा चुनावों में ईवीएम व वीवीपैट का उपयोग किया जाता है। निकाय चुनाव में अभी तक वीवीपैट का इस्तेमाल नहीं किया गया है। संबंधित कानून के प्रावधानों में बदलाव या संशोधन करने का मामला राज्य चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार