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रायपुर, 29 अक्टूबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल अभी जेल में ही रहेंगे। ईडी की विशेष अदालत ने चैतन्य की न्यायिक रिमांड 12 नवंबर तक बढ़ा दी है।
रिमांड की अवधि खत्म होने पर बुधवार को चैतन्य बघेल को अदालत में पेश किया गया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका स्वीकार करते हुए रिमांड बढ़ाने का आदेश दिया। इसी केस से जुड़े आरोपित निरंजन दास को भी आज राहत नहीं मिली। अदालत ने उन्हें किसी भी प्रकार की रियायत देने से साफ इनकार कर दिया।
18 जुलाई को ईडी ने चैतन्य बघेल को भिलाई स्थित निवास से गिरफ्तार किया था। एजेंसी का आरोप है कि चैतन्य बघेल ने 16 करोड़ 70 लाख रुपये की अवैध कमाई को अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश किया। ईडी की जांच के मुताबिक, चैतन्य ने यह रकम नकद भुगतान, फर्जी बैंक एंट्री और फ्लैट खरीदी के बहाने से सफेद की। वह कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लो के साथ मिलकर “विट्ठलपुरम” परियोजना में फर्जी फ्लैट खरीद-फरोख्त की योजना बनाकर लगभग 5 करोड़ रुपये हासिल करने के आरोप में भी घिरा है। जांच एजेंसी का दावा है कि जिन फ्लैटों की खरीद दिखलाई गई वे वास्तव में ढिल्लो के कर्मचारियों के नाम पर दर्ज थे, लेकिन असल लाभार्थी चैतन्य बघेल ही थे। ईडी अब चैतन्य बघेल से मनी ट्रेल और निवेश के चैनल की जानकारी जुटा रही है। माना जा रहा है कि जांच एजेंसी जल्द ही इस मामले में कुछ और नामों को भी शामिल कर सकती है।
छत्तीसगढ़ के 3200 करोड़ के शराब घोटाला मामले में ईडी ने 15 सितंबर को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के खिलाफ विशेष कोर्ट में 5000 से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट पेश की थी। ईडी ने चैतन्य बघेल के कथित कारनामों का विस्तृत विवरण दिया है। दूसरी तरफ, चैतन्य की गिरफ्तारी को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बदले की भावना से की गई कार्रवाई बताते रहे हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / गायत्री प्रसाद धीवर