कर्तव्य पथ पर भारतीय वायु सेना और जर्मन माउंटेन आर्मी बैंड ने की सुरमयी साझेदारी
कर्तव्य पथ पर भारतीय वायु सेना और जर्मन माउंटेन आर्मी बैंड ने की सुरमयी साझेदारी


नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (हि.स.)। भारत के गौरव स्थल कर्तव्य पथ पर सोमवार की शाम इतिहास रच गया, जब भारतीय वायु सेना और जर्मन माउंटेन आर्मी बैंड ने एक साथ मंच साझा किया। यह आयोजन केवल संगीत का संगम नहीं बल्कि समर्पण, अनुशासन और मित्रता के अदृश्य तार का प्रतीक बना, जिसने दोनों देशों की सेनाओं को सुरों की डोर में जोड़ दिया।

राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर शाम 5:30 बजे इस विशेष आयोजन में दोनों देशों के कलाकारों ने अपने संगीत से मित्रता और सहयोग की नई मिसाल पेश की। इस संयुक्त प्रस्तुति में 51 जर्मन और 48 भारतीय वायु सेना के संगीतकारों ने भाग लिया। कार्यक्रम में बांसुरी, तबला और पारंपरिक अल्फ़ॉर्न जैसे वाद्ययंत्रों की स्वर लहरियां गूंजीं, जो युद्ध कौशल, अनुशासन और कलात्मकता का संगम रहा। कार्यक्रम की शुरुआत भारतीय वायु सेना बैंड की जोश और गौरव से भरी धुन 'फ़नफेयर:इमब्लेज़ोन्ड' से हुई, जिसने वीरता और गर्व की भावना को स्वर दिया। इसके बाद 'परिंदा' गीत प्रस्तुत किया गया, जिसने आकाश में उड़ान भरने की चाह और साहस को संगीत में ढाल दिया।

भारतीय वायु सेना और जर्मन माउंटेन आर्मी बैंड ने संयुक्त रूप से केसरी फ़िल्म का देशभक्ति गाना 'तेरी मिट्टी में मिल जावां...' प्रस्तुत किया। जर्मन माउंटेन आर्मी बैंड ने अपने पारंपरिक और शास्त्रीय संगीत से सभी का मन मोह लिया। रिचर्ड स्ट्रॉस की प्रसिद्ध रचना 'वियना फिलहारमोनिक फैनफेयर' ने समारोह में भव्यता और गौरव का अद्भुत वातावरण रचा। संगीत के इस उत्सव में दोनों देशों के कलाकारों ने एक के बाद एक प्रस्तुति दीं, जिसमें 'रैट पैक ट्रिब्यूट', सारंग फ्यूज़न, हॉक हाइडेक्सबर्ग मार्च, जिगरा, कोपाकबाना, गार्मिशर अल्फ़ॉर्नमार्श, डेफिलियरमार्श जैसी रचनाओं ने दर्शकों को अलग-अलग संस्कृतियों के रंगों से भर दिया।

कार्यक्रम का समापन 'सारे जहां से अच्छा' से हुआ, जिसने पूरे वातावरण को देशभक्ति और एकता के भाव से ओतप्रोत कर दिया। दोनों देशों के 99 कलाकारों, 48 भारतीय वायु सेना के और 51 जर्मन संगीतकारों, ने अपने सुरों से कर्तव्य पथ को संगीत, अनुशासन और मित्रता से सराबोर कर दिया।

भारतीय वायु सेना बैंड की स्थापना 1944 में हुई थी और यह आज विश्व के श्रेष्ठ सैन्य बैंड्स में गिना जाता है। जर्मन माउंटेन आर्मी बैंड अपनी पर्वतीय परंपरा, अनुशासन और संगीत कौशल के लिए जाना जाता है। कर्तव्य पथ पर इस ऐतिहासिक शाम ने यह संदेश दिया कि संगीत सीमाओं को नहीं मानता, यह केवल दिलों को जोड़ता है।

जर्मन माउंटेन आर्मी बैंड को मेजर रूडोल्फ़ फिल्मेयर और भारतीय वायु सेना बैंड को स्क्वाड्रन लीडर रूपचंद्र नेतृत्व कर रहे थे। कार्यक्रम की प्रस्तुति वारंट अफ़सर विजय कुमार सिंह और स्क्वाड्रन लीडर आदित्या शर्मा ने की। कार्यक्रम में वायु सेना और सेना के तमाम उच्चाधिकारी मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/अमरेश

हिन्दुस्थान समाचार / सुनीत निगम