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रांची, 29 अक्टूबर (हि.स.)। आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केन्द्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने चाईबासा में 27 अक्टूबर की रात शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे आदिवासी मूलवासियों पर हुई पुलिस लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की है। बुधवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति में नायक ने कहा कि इस दमनकारी घटना की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार ने निर्दोष आदिवासी मूलवासियों पर लाठी बरसाकर अपने दोहरे चरित्र को उजागर किया है, जबकि भाजपा इस पर केवल घड़ियाली आंसू बहा रही है। नायक के अनुसार, भाजपा शासनकाल में पत्थलगड़ी आंदोलन के दौरान आदिवासियों पर गोली और लाठी बरसाई गई थी और अब झामुमो सरकार भी उसी राह पर चल रही है। इसपर हेमंत सरकार पूरी तरह से जिम्मेवार है।
नायक ने कहा कि आंदोलनकारी पुरुषों और महिलाओं का समूह मंत्री दीपक बिरूआ के आवास जा रहा था, लेकिन प्रशासन ने बगैर कारण के बल प्रयोग किया। उन्होंने चाइबासा की एनएच और बाईपास मार्ग पर ट्रक माफिया की मनमानी का मुद्दे पर कहा कि जनता की आवाज उठाना अपराध नहीं। इसे सरकार को समझना चाहिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar