हिमाचल में डॉप्लर रडार और 150 स्वचालित मौसम केंद्रों की स्थापना की मांग, सीएम सुक्खू ने की केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से की मुलाकात
हिमाचल में डॉप्लर रडार और 150 स्वचालित मौसम केंद्रों की स्थापना की मांग, सीएम सुक्खू ने की केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से की मुलाकात


शिमला, 29 अक्टूबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने नई दिल्ली में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से भेंट की और हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए अत्याधुनिक चेतावनी प्रणालियों की स्थापना का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति, वैश्विक ऊष्मीकरण और बदलते मौसम के कारण प्राकृतिक आपदाओं की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे व्यापक जन और संपत्ति की हानि हो रही है। उन्होंने राज्य में एक डॉप्लर वेदर रडार किन्नौर में तथा 150 स्वचालित मौसम केंद्रों की स्थापना की मांग की, ताकि राज्य में अग्रिम चेतावनी प्रणाली को सशक्त बनाया जा सके। मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि यह व्यवस्थाएं अगले मानसून सत्र से पूर्व स्थापित की जाएं।

उन्होंने लाहौल-स्पीति के लिए डॉप्लर वेदर रडार स्वीकृत करने पर केंद्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया और कहा कि इस तरह की तकनीकी सहायता से हिमाचल जैसे पर्वतीय राज्य को बड़ी राहत मिलेगी।

सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के मौसम संबंधी डेटा को केंद्र की अधिसूचित अग्रिम चेतावनी एजेंसियों के डेटा के साथ एकीकृत (इंटीग्रेट) किया जाना चाहिए, ताकि समयबद्ध और सटीक चेतावनी संभव हो सके। उन्होंने कांगड़ा-हमीरपुर जोन में सीस्मिक प्रयोगशाला एवं डेटा विश्लेषण केंद्र स्थापित करने का भी आग्रह किया, यह कहते हुए कि हिमाचल का अधिकांश क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है।

मुख्यमंत्री ने हमीरपुर में मौसम डेटा केंद्र, ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दो वायु निगरानी प्रणालियां तथा शैडो जोन में कॉम्पैक्ट वेदर रडार स्थापित करने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि राज्य में प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए अत्याधुनिक चेतावनी और डेटा विश्लेषण प्रणाली की स्थापना समय की मांग है।

सुक्खू ने बैठक में स्पेस ऑन व्हील्स कार्यक्रम, कृत्रिम मेधा प्रशिक्षण कोर्स, पौध-आधारित पैकेजिंग प्रणाली के अनुसंधान केंद्र और पर्वतीय जैविक संसाधनों के लिए जैव उत्पादन हब स्थापित करने के प्रस्ताव भी रखे।

उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक कृषि उत्पादों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य है, जिससे किसानों को व्यापक लाभ हो रहा है। बैठक में लैवेंडर, लेमन ग्रास और पुष्प खेती को लेकर भी विस्तृत चर्चा की गई।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला