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नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (हि.स.)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से पूछा है कि उसके पास चीन निर्मित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डीपसीक से निपटने के लिए क्या योजना है। चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील से इस मामले में निर्देश लेकर कोर्ट को बताने का निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील इशकरण भंडारी से कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि डीपसीक से शुरुआती दौर में ही निपटा जाना चाहिए। इसके निपटने के लिए मंत्रालय के पास क्या तैयारी है। कोर्ट ने भंडारी से कहा कि आप निर्देश लेकर आएं, तब हम इस मामले को भी ऐसी दूसरी याचिकाओं के साथ लिस्ट करेंगे।
वकील भावना शर्मा ने दायर याचिका में कहा है कि लोगों के निजी डाटा की सुरक्षा और सरकारी डाटाबेस में साइबर अटैक रोकने के लिए उनकी गोपनीयता बरकरार रखना जरुरी है। याचिका में कहा गया है कि डीपसीक के प्लेस्टोर पर लांच होने के बाद इसमें कई विसंगतियां पायी गई हैं। इससे कई बड़े पैमाने पर संवेदनशील डाटा लीक होने का खतरा है।
दिल्ली उच्च न्यायालय में एक ऐसी ही याचिका वकील चैतन्य रोहिल्ला ने दायर की है। याचिका में डीपफेक और एआई का एक्सेस देने वाली वेबसाइटों को ब्लॉक करने की मांग की गई है। याचिका में मांग की गई है कि डीपफेक और एआई टेक्नोलॉजी को नियंत्रित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। याचिका में कहा गया है कि एआई टेक्नोलॉजी पर नियंत्रण संविधान के मुताबिक होने चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय
हिन्दुस्थान समाचार / सुनीत निगम