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जयपुर, 29 अक्टूबर (हि.स.)। हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी मनाई जाती हैं। इस बार गोपाष्टमी 30 अक्टूबर को रवि और शिव वास योग में मनाई जाएगी । इस दिन भगवान कृष्ण और गौ माता की पूजा की जाती हैं। आचार्य गौरी शंकर शर्मा बोरखेड़ा ने बताया कि कार्तिक शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि 30 अक्टूबर को सुबह 10:06 बजे तक रहेगी। इस दिन गोपाष्टमी पूजन सुबह 10:45 से 2:56 तक कर सकते हैं। इसके अगले दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष नवमी तिथि को आंवला नवमी मनाई जाएगी। इस दिन सतयुग की शुरुआत हुई थी। इस पर्व को इच्छा नवमी,आंवला नवमी, कुष्मांड नवमी, आरोग्य नवमी, धातृ नवमी और अक्षय नवमी भी कहा जाता हैं। अक्षय का अर्थ होता है जिसका क्षरण न हो। आंवला नवमी के दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु और आंवले के वृक्ष की पूजा-अर्चना करने का विधान हैं । आंवला नवमी पूजन प्रातः 06:32 से सुबह 10:44 तक सकते हैं। इस दिन किये गये व्रत के पुण्य से सुख-शांति, सद्भाव और वंश वृद्धि का फल प्राप्त होता हैं ।
सदगुरु टेऊँराम गौशाला में की जाएगी गौ माता की सेवा
मानसरोवर, मान्यावास, जयपुर में स्थित सदगुरु टेऊँराम गौशाला में गुरुवार को सुबह 10 से 12 बजे तक गोपाष्टमी महोत्सव पूज्य श्री अमरापुर दरबार के प्रेम प्रकाश मंडल अध्यक्ष स्वामी भगत प्रकाश महाराज एवं संत महात्माओं के सानिध्य में गौमाता की तिलक, माला, रोली, वस्त्र, पूजा,अर्चना, आरती की जाएगी, गौ माता को फल घास, गुड़, काकडे, आदि खिलाएं जायेंगे। संतो के सानिध्य में गौ माता की महिमा, सत्संग किया जाएगा एवं विशाल भंडारे का आयोजन होगा। इसी के साथ श्री अमरापुर स्थान में स्थित श्री अमरापुर गौशाला में भी सुबह 9 बजे गौ माता की सेवा, पूजा, अर्चना,आरती की जाएगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश