जगदलपुर : नवजात को असुरक्षित स्थानों पर न छोड़ें, बाल कल्याण समिति को सौंपें : नरेंद्र पाणिग्राही
नवजात को असुरक्षित स्थानों पर न छोड़ें, बाल कल्याण समिति को सौंपें


जगदलपुर, 29 अक्टूबर (हि.स.)। बाल कल्याण समिति बस्तर के अध्यक्ष नरेंद्र पाणिग्राही ने कहा कि, माता-पिता यदि किसी कारणवश अपने नवजात शिशु का पालन-पोषण करने में असमर्थ हैं, तो वे उसे बाल कल्याण समिति, बस्तर को सौंप सकते हैं। बच्चे को असुरक्षित स्थानों पर छोड़ना कानूनी अपराध है। उन्होंने बताया कि कई बार समाज के डर या आर्थिक कठिनाइयों के कारण माता-पिता नवजात को झाड़ियों, नालों या अन्य असुरक्षित स्थानों पर छोड़ देते हैं, जो न केवल अपराध है बल्कि बच्चे के जीवन के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। समिति ऐसे बच्चों को संरक्षण में लेकर कानूनी प्रक्रिया के तहत जरूरतमंद दंपतियों को गोद देने की व्यवस्था करती है, ताकि वे सुरक्षित और प्यार भरा जीवन जी सकें।

श्री पाणिग्राही ने बताया कि, जो भी माता-पिता अपने बच्चे को समिति के सुपुर्द करेंगे, उनकी पहचान पूर्णतः गोपनीय रखी जाएगी और उनके विरुद्ध कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन माता-पिता को समाज के डर से या किसी अन्य कारण से बाल कल्याण समिति कार्यालय तक पहुंचने में कठिनाई हो, वे सेवा भारती (शिशु गृह) मातृ छाया, नयापारा, जगदलपुर के बाहर बने शिशु पालना (Baby Cradle) में अपने नवजात को सुरक्षित छोड़ सकते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि, यदि कोई व्यक्ति नवजात को असुरक्षित स्थान पर छोड़ता है, तो उसके विरुद्ध जेजे एक्ट 2015 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अधिकतर मामलों में यह समस्या कन्या जन्म के समय देखने को मिलती है, जो समाज के लिए शर्मनाक है और बच्चे के जीवन को संकट में डालती है।

श्री पाणिग्राही ने आम जनता से अपील की कि, यदि किसी को ऐसा कोई मामला संज्ञान में आता है, तो तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 / 112 या जिला बाल संरक्षण कार्यालय, जगदलपुर को सूचित करें। उन्होंने कहा कि आपका छोटा-सा सहयोग समाज में सकारात्मक बदलाव लाने और नवजातों को सुरक्षित जीवन देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे