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जयपुर, 29 अक्टूबर (हि.स.)। आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में देवउठनी एकादशी पर दो नवंबर को उमडऩे वाले श्रद्धालुओं को ठाकुर जी के दर्शन करने में किसी प्रकार की परेशानी न इसके लिए पुलिस और मंदिर प्रशासन कई कदम उठाएगा। दर्शनार्थियों की भारी भीड़ को दृष्टिगत रखते हुए निर्जला एकादशी एवं दीपावली उत्सव की भांति विशेष दर्शन व्यवस्था की जाएगी। श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के कारण दर्शन का समय बढ़ाया गया है। मंगला और शयन झांकी का समय अधिक बढ़ाया गया है।
यह रहेगा झांकियों का समय:
मंगला दर्शन प्रात: 4 से साढ़े 5 बजे तक
देवउठनी एकादशी पूजन
प्रात: सवा 6 बजे से (इस अवधि में ठाकुर श्रीजी दर्शन पट मंगल रहेंगे)
धूप दर्शन प्रात: साढ़े 7 से 9 बजे तक
श्रृंगार दर्शन प्रात: साढ़े 9 से सवा 10 बजे तक
राजभोग दर्शन प्रात: 10:45 से 11:45 बजे तक
ग्वाल झांकी शाम साढ़े 4 से सवा 5 बजे तक
संध्या झांकी शाम 05:45 से साढ़े 7 बजे तक
शयन झांकी रात्रि 8 से साढ़े 8 बजे तक
यह रहेगी दर्शन व्यवस्था:
मंगला झांकी के बाद देवउठनी एकादशी पूजन प्रारंभ होगा। ठाकुर श्री राधा गोविंद देवजी का मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। देवउठनी एकादशी के विशेष पूजन के बाद धूप झांकी खोली जाएगी। दर्शनार्थियों का प्रवेश केवल मंदिर मुख्य द्वार से होगा। जय निवास बाग से प्रवेश पूर्णत: निषेध रहेगा। मंदिर परिसर में जूता-चप्पल खोलने की कोई व्यवस्था नहीं होगी। दर्शनार्थियों के लिए दो अलग-अलग लाइनें रहेंगी
जूता-चप्पल सहित भक्तगण बाहर बने रैंप से दर्शन कर सकेंगे। बिना जूता-चप्पल वाले भक्तगण मंदिर छावन में दर्शन कर सकेंगे। भक्त दर्शन कर बड़ी परिक्रमा करते हुए मंदिर मुख्य द्वार से निकास करेंगे।
कंवर नगर और ब्रह्मपुरी से आने वाले भक्त जय निवास उद्यान, जनता मार्केट से होते हुए मुख्य द्वार से प्रवेश कर श्री चिंताहरण हनुमान जी मार्ग से निकास करेंगे। यह व्यवस्था 2 नवम्बर को मंगला से शयन झांकी तक प्रभावी रहेगी। नि:शुल्क जूता घर बंद रहेगा।
पुलिस और मंदिर प्रशासन ने हृदय रोगी, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, श्वास संबंधी या अन्य गंभीर रोगों से पीड़ित भक्तों से निवेदन किया है कि भीड़ को देखते हुए मंदिर में आगमन न करें। सुरक्षा कारणों से कीमती सामान, बैग, थैला, लेडीज पर्स साथ न लाएं तथा महिलाएं कीमती आभूषण पहनकर न आएं। पानी की बोतल साथ लेकर आएं। किसी संदिग्ध व्यक्ति या वस्तु के दिखने पर तत्काल मंदिर प्रशासन या पुलिस प्रशासन को सूचित करें।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश