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कानपुर, 29 अक्टूबर (हि. स.)। उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में कल्याणपुर स्थित छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के अटल बिहारी वाजपेयी स्कूल ऑफ लीगल स्ट्डीज के विधि छात्रों ने बुधवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा, लखनऊ का शैक्षणिक भ्रमण किया। इस यात्रा का उद्देश्य विद्यार्थियों को विधायी प्रक्रिया, लोकतांत्रिक व्यवस्था तथा संसदीय परंपराओं की व्यावहारिक जानकारी देना था। यह जानकारी बुधवार को सीएसजेएम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय पाठक ने दी।
कुलपति ने बताया कि भ्रमण के दौरान छात्रों और शिक्षकों को विधानसभा भवन के ऐतिहासिक एवं स्थापत्य दृष्टि से समृद्ध परिसर का अवलोकन कराया गया। विद्यार्थियों ने सदन की कार्यवाही के अनुकरण का अनुभव प्राप्त किया और जाना कि किस प्रकार विधेयक प्रस्तुत और पारित किए जाते हैं। उन्हें विधानसभा की पुरानी और नई इमारतों, ऐतिहासिक दीर्घाओं, पुस्तकालय, समिति कक्षों तथा पत्रकार दीर्घा का भी दौरा कराया गया। अधिकारियों ने छात्रों को बताया कि विधानसभा में जनहित से जुड़े विषयों पर किस प्रकार वाद-विवाद होते हैं और किस तरह निर्णय लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत लिए जाते हैं।
उन्होंने बताया कि इस मौके पर छात्रों ने विधानसभा के सुरक्षा एवं प्रबंधन तंत्र के कार्यों को भी करीब से देखा, जिससे उन्हें प्रशासनिक समन्वय और संसदीय अनुशासन की व्यावहारिक झलक मिली। छात्रों ने प्रश्न पूछकर विधानसभा की कार्यशैली को और गहराई से समझने में रुचि दिखाई।
कुलपति प्रो. विनय पाठक ने बताया कि भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना से भी मुलाकात की। विधानसभा अध्यक्ष ने छात्रों को विधायी संस्थाओं के महत्व, नीति निर्माण की प्रक्रिया और युवाओं की लोकतंत्र में भूमिका पर सारगर्भित विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि विधि के विद्यार्थी राष्ट्र की न्याय व्यवस्था के स्तंभ होते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को ईमानदारी, संवेदनशीलता और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना के साथ कार्य करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि संविधान की समझ रखने वाला युवा समाज में न्याय और नैतिकता दोनों स्थापित कर सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों को बेहतर नागरिक और जिम्मेदार विधि विशेषज्ञ बनने का आह्वान किया।
विधि संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ. पंकज द्विवेदी ने कहा कि इस प्रकार के शैक्षणिक भ्रमण छात्रों में व्यावहारिक समझ विकसित करते हैं और उन्हें भविष्य में न्यायिक एवं विधायी क्षेत्र में सफल बनने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने यात्रा के सफल आयोजन के लिए कुलपति और आयोजन टीम को धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर विधि संकाय की असिस्टेंट प्रोफेसर मयूरी सिंह ने कहा कि विधानसभा का यह भ्रमण छात्रों के लिए एक दुर्लभ अवसर है, जो उन्हें विधायी कार्यप्रणाली को प्रत्यक्ष रूप से समझने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि ऐसे अनुभव विद्यार्थियों को केवल पाठ्य पुस्तकों तक सीमित नहीं रखते बल्कि उन्हें वास्तविक जीवन की कानूनी व्यवस्थाओं से जोड़ते हैं।
इस शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन विधि विभाग के विधिक सहायता क्लिनिक द्वारा किया गया जिसमें विधिक सहायता क्लिनिक के सदस्यों मयूरी सिंह एवं ज्ञानेंद्र सिंह के अलावा विभाग के विद्यार्थी आकाश, प्रशांत, राघव, रितिशा और शुभी समेत कुल 35 विद्यार्थियों ने इस भ्रमण में भाग लिया।
इस भ्रमण में छात्राओं की सहभागिता उल्लेखनीय रही। विश्वविद्यालय के अनुसार विधि संकाय में अब लगातार अधिक संख्या में छात्राएँ जुड़ रही हैं, जो विधिक शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊर्जा और दृष्टिकोण ला रही हैं।
छात्रों ने भ्रमण को प्रेरणादायक बताते हुए इसे अपने शैक्षणिक जीवन का मूल्यवान अनुभव कहा। उन्होंने विधानसभा की गरिमा और अनुशासन को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव कर स्वयं को गौरवान्वित महसूस किया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि ऐसे अध्ययन दौरों से न केवल छात्रों के ज्ञान में वृद्धि होती है बल्कि वे शासन व्यवस्था को गहराई से समझ पाते हैं। कुलपति प्रो. विनय पाठक ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय आगे भी विद्यार्थियों के लिए इसी प्रकार के शिक्षण अनुभव उपलब्ध कराता रहेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / मो0 महमूद