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कोलकाता, 29 अक्टूबर (हि. स.)। उत्तर 24 परगना जिले के पनिहाटी क्षेत्र में एक व्यक्ति द्वारा कथित रूप से एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) के डर से आत्महत्या किए जाने की घटना के बाद भाजपा ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। मृतक की पहचान 57 वर्षीय प्रदीप कर के रूप में हुई है।
भाजपा ने इस घटना के समय पर भी सवाल उठाए हैं, क्योंकि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषणा हाल ही में की गई थी और इस प्रक्रिया की तैयारी चार नवंबर से शुरू होनी थी।
भाजपा के आईटी सेल प्रमुख और पार्टी के पश्चिम बंगाल के केंद्रीय सह पर्यवेक्षक अमित मालवीय ने कहा कि आत्महत्या के वास्तविक कारणों का निर्धारण केवल कानून और जांच एजेंसियों द्वारा किया जाना चाहिए, न कि राजनीतिक बयानबाज़ी के माध्यम से।
उन्होंने कहा, “हकीकत यह है कि देश में कहीं भी एनआरसी लागू नहीं है। ममता बनर्जी झूठ बोल रही हैं और जनता के बीच डर फैलाकर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही हैं।”
मालवीय ने आगे कहा कि तृणमूल कांग्रेस को इस बात का भय है कि एसआईआर से राज्य प्रशासन की खामियां उजागर होंगी और यही पार्टी के पतन की शुरुआत साबित होगी। इसी डर के कारण मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ दल जनता में झूठा भय फैला रहे हैं।
मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भाजपा और केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वे एनआरसी के नाम पर लोगों के बीच भय और विभाजन का माहौल पैदा कर रहे हैं। उनका कहना था कि प्रदीप कर की आत्महत्या इसी भय की परिणति है।
तृणमूल कांग्रेस ने एसआईआर को पश्चिम बंगाल में एनआरसी लागू करने की भाजपा और केंद्र सरकार की अप्रत्यक्ष चाल बताया है।
राज्य भाजपा नेता शिशिर बजोरिया ने कहा कि निष्पक्ष जांच से आत्महत्या के वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि डर की वजह से कर ने आत्महत्या की, तो इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस की है, क्योंकि उन्होंने ही एनआरसी और एसआईआर को एक साथ जोड़कर जनता में भय का वातावरण बनाया है।
भाजपा समर्थक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और यूट्यूब कंटेंट क्रिएटर संमय बनर्जी ने सवाल उठाया कि प्रदीप कर के शव के पास मिली वह चिट्ठी, जिसमें उन्होंने एनआरसी को अपनी मौत का कारण बताया, क्या वाकई उन्हीं की लिखी हुई थी? उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है जैसे सत्तारूढ़ दल जानबूझकर किसी आत्महत्या की घटना को एनआरसी से जोड़ने का मौका तलाश रहा था।
उन्होंने यह भी पूछा कि क्या अब राज्य में होने वाली हर आत्महत्या को एनआरसी से जोड़कर देखा जाएगा?
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर