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-स्कूलों व कॉलेजों में लगाएं छात्रवृत्ति योजना के बोर्ड
चंडीगढ़, 23 अक्टूबर (हि.स.)। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्री मैट्रिक व पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के तहत किसी भी विद्यार्थी की स्कॉलरशिप राशि न छूटे। इसके लिए हरियाणा भवन स्थित आवासीय आयुक्त केंद्रीय मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ तालमेल बनाकर रखें और प्रदेश सरकार के विभागों को भी इस बारे में नियमित रूप से अवगत कराएं। मुख्यमंत्री गुरुवार को चंडीगढ़ में एससी व बीसी विद्यार्थियों को दी जाने वाली स्कॉलरशिप योजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि कोई भी मेधावी व जरूरतमंद छात्र आर्थिक तंगी के कारण अपनी पढ़ाई बीच में न छोड़े। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप योजनाओं की जानकारी समय पर उपलब्ध कराई जाए और इस कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही न की जाए।
उन्होंने कहा कि हर स्कूल और कॉलेज में सूचना बोर्ड लगाए जाएं, जिन पर सभी छात्रवृत्ति योजनाओं की पूरी जानकारी साफ-साफ लिखी हो ताकि विद्यार्थियों को फार्म भरने और आवेदन की प्रक्रिया में कोई कठिनाई न हो।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे योजनाओं की ग्राउंड मॉनिटरिंग करें और समय-समय पर समीक्षा रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपे, ताकि प्रदेश सरकार अपनी 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी विद्यार्थियों के खातों में डाल सकें और शेष 60 प्रतिशत केंद्र की हिस्सेदारी सीधे डीबीटी के माध्यम विद्यार्थियों के खाते में आ सके। राज्य के विद्यार्थियों, विशेषकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों से जुड़े अनुसूचित जाति (एससी) और पिछड़ा वर्ग (बीसी) के युवाओं के कौशल को निखारने पर विशेष बल देगी।
विद्यार्थियों काे स्कॉलरशिप के लिए उच्चतर शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपलोड करना होता है। इसके उपरांत राज्य सरकार की हिस्सेदारी का 40 प्रतिशत अदायगी की जाती है। तदनुसार 60 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के माध्यम से विद्यार्थियों के खाते में डाला जाता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा