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बीजापुर, 23 अक्टूबर (हि.स.)। जिले के 18 मजदूरों को कर्नाटक में बंधक बनाकर जबरन काम कराये जाने की शिकायत आज गुरूवार काे बीजापुर सिटी काेतवाली में करते हुए सख्त धाराओं में एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। मजदूरों के परिजनों ने बीजापुर पुलिस के समक्ष आवेदन देकर बताया कि दलालों ने उन्हें धोखे से बंधक बनाया है और उनसे जबरन काम कराया जा रहा है।
परिजनों ने शिकायत में बताया कि जब भी मजदूर अपने गृह राज्य छत्तीसगढ़ लौटने की बात करते हैं, तो ठेकेदार उनके साथ मारपीट करता है और उन्हें धमकाता है। उन्हें उनकी मजदूरी भी नहीं दी जा रही है और उनका लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है। बंधक बनाए गए मजदूरों में मनोज ताती, दिनेश ताती, रमेश ताती, अर्जुन ताती, बोज्जा ताती, राजू ताती, चैतू ताती, रानी हपका, मनीला हेमला, चिन्ना ताती, राजू लेकाम, मरीना मीडियम, मरीना तेलम, मंजू लेकाम, मीना अवलम, दीपिका हेमला, ज्योति हपका, निर्मला ताती, संजय ताती, अनीता ताती, रामकृष्ण ताती, लखन ताती और मुनिता ताती शामिल हैं।
परिजनों के अनुसार ग्राम पंचायत कड़ेनार (सिलगापारा) के 11 और ग्राम पंचायत कैका (गुमला) के 7 मजदूरों को 8 अगस्त 2025 को तेलंगाना के करीमनगर जिले में ईंट भट्टे पर काम के लिए ले जाया गया था। करीमनगर में एक सप्ताह काम करने के बाद उन्हें महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के निजामाबाद ले जाया गया। इसके बाद दलाल सीनू श्रीनिवास ने इन मजदूरों को कर्नाटक राज्य के बिडगी गांव जानमट्टी भेज दिया। वहां उन्हें बताया गया कि उन्हें पांच लाख रुपये में एक सेठ के यहां मजदूरी करनी है। परिजनों का आरोप है कि मजदूरों को बंधक बनाकर रखा गया है। परिजनों ने सीनू श्रीनिवास और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ सख्त धाराओं में एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने प्रशासन से पीड़ित मजदूरों को जल्द से जल्द घर वापस लाने और उनकी मजदूरी दिलाने का भी आग्रह किया है।
इस पूरे मामले में बीजापुर कोतवाली थाना प्रभारी दुर्गेश शर्मा ने बताया कि मामले के तथ्यों की पुष्टि के बाद संबंधित विभाग से समन्वय स्थापित कर विधिसंगत कार्रवाई की जाएगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे