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फतेहाबाद, 23 अक्टूबर (हि.स.)। खेतों में पराली या भूसे को जलाने से उत्पन्न गंभीर वायु प्रदूषण और उससे मानव स्वास्थ्य पर पडऩे वाले दुष्प्रभावों को देखते हुए फतेहाबाद पुलिस ने एक सख्त एडवाइजरी जारी की है। इसका उद्देश्य किसानों एवं जिले वासियों को जागरूक करना और पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाना है। बता दें कि जिले में अब तक पराली जलाने के 5 मामले सामने आ चुके हैं। हरसेक द्वारा इस बारे कृषि विभाग को लोकेशन भेजी गई है। पुलिस अधीक्षक सिद्धांत जैन ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पराली या भूसे को जलाना कानूनन अपराध है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेशों के तहत ऐसा करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध जुर्माना, एफआईआर, और अन्य कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। खेतों या खुले स्थानों पर पराली अथवा भूसे को आग लगाना दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है और इसके प्रति पुलिस की ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाई गई है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से खेत की उर्वरक शक्ति में कमी आती है, जबकि इसके धुएं से वातावरण में धुंध फैलती है, जिससे सडक़ दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ता है। वायु प्रदूषण के कारण अस्थमा, एलर्जी, हृदय रोग, और फेफड़ों की बीमारियों में भी वृद्धि होती है। सरकार द्वारा पराली प्रबंधन के लिए आधुनिक मशीनें जैसे सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम, हैप्पी सीडर, मल्चर आदि उपलब्ध कराई गई हैं, जिनका किसान लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिले में पुलिस की विशेष निगरानी टीमें निरंतर सक्रिय रहेंगी और पराली जलाने की किसी भी सूचना पर तत्काल मौके पर पहुंचकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। एसपी ने कहा कि पराली या भूसे को जलाना केवल कानून का उल्लंघन नहीं, बल्कि हमारे समाज और आने वाली पीढ़ी के भविष्य के लिए भी गंभीर खतरा है। किसानों से अनुरोध है कि वे सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए विकल्पों का उपयोग करें और पर्यावरण की रक्षा में अपना सक्रिय योगदान दें। एसपी ने जिलेवासियों से अपील की है कि यदि कहीं भी पराली या भूसे को जलाए जाने की घटना दिखाई दे, तो उसकी सूचना तुरंत निकटतम थाना, बीट अधिकारी, पुलिस कंट्रोल रूम नंबर पर दें।
हिन्दुस्थान समाचार / अर्जुन जग्गा