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कोलकाता, 23 अक्टूबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में दक्षिण 24 परगना जिले के काकद्वीप में एक मंदिर में काली प्रतिमा खंडित किए जाने की घटना के बाद पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने स्पष्ट किया है कि यह स्थानीय घटना है, जिसका किसी भी राजनीतिक उद्देश्य से कोई संबंध नहीं है। घटना के बाद क्षेत्र में तनाव को देखते हुए पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
काकद्वीप के पुलिस अधीक्षक कोटेश्वर राव ने गुरुवार को बताया कि यह घटना मंगलवार शाम सूर्यनगर ग्राम पंचायत क्षेत्र के एक मंदिर में हुई, जब आरोपित नारायण हलदार ने कथित रूप से नशे की हालत में प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किया। पूछताछ में आरोपित ने अपराध कबूल किया और अपने कृत्य के लिए माफी मांगी। उन्होंने कहा, “खुफिया जानकारी के आधार पर एक टीम भेजी गई और हलदार को गिरफ्तार किया गया। जांच में उसने स्वीकार किया कि घटना के समय वह शराब के नशे में था।''
घटना के बाद स्थिति तब बिगड़ गई जब कुछ बाहरी लोग मौके पर पहुंचे और राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया। देखते ही देखते बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और आसपास के गांवों के निवासी एकत्र हो गए, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया।
पुलिस अधिकारियों के समझाने की कोशिश पर भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। अराजक स्थिति में पुलिस का लक्ष्य खंडित प्रतिमा की सुरक्षा और मार्ग में फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकालना था।
पुलिस अधीक्षक ने कहा, “पत्थरबाजी के दौरान प्रतिमा को किसी और नुकसान से बचाने के लिए हमने उसे पुलिस वैन में सुरक्षित रखा तथा फिर राजमार्ग खाली कराया। पूरी रात गश्त चलती रही और सुबह तक हालात सामान्य कर दिए गए।” इस मामले में दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए हैं, एक प्रतिमा तोड़फोड़ और दूसरा सड़क जाम करने के आरोप में।
अधिकारियों ने कहा कि अभी तक की जांच में किसी भी राजनीतिक साजिश का कोई सबूत नहीं मिला है।
पुलिस अधिकारी ने कहा, “प्रथम दृष्टया यह एक स्थानीय घटना प्रतीत होती है। हम सभी से अपील करते हैं कि अफवाहों पर विश्वास न करें। मां काली की पवित्रता हमारे लिए सर्वोपरि है, और हम इसे बनाए रखने के लिए हर आवश्यक कदम उठाएंगे।” काकद्वीप क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से बचा जा सके। पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है ताकि सड़क अवरोध में शामिल लोगों की पहचान की जा सके।
घटना के बाद राज्य में राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर हिंदू भावनाओं की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया है। वहीं सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि पुलिस ने तुरंत कार्रवाई कर आरोपित को गिरफ्तार किया और स्थिति को नियंत्रण में रखा।
एक वरिष्ठ तृणमूल नेता ने कहा, “जो लोग इस घटना को सांप्रदायिक रूप देने की कोशिश कर रहे हैं, वे बंगाल की एकता और सौहार्द्र को नुकसान पहुंचा रहे हैं। पुलिस ने संवेदनशीलता और तत्परता दोनों का परिचय दिया है।”----------------
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर