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नारनौल, 23 अक्टूबर (हि.स.)। हरियाणा सरकार ने मधुमक्खी पालकों को शहद का उचित भाव न मिलने से होने वाले नुकसान से बचाने और होने वाले घाटे की संभावनाओं का जोखिम खत्म करने के लिए शहद को भावांतर भरपाई योजना में शामिल कर दिया गया है।
भावांतार भरपाई योजना में कच्चे शहद का 120 रुपये प्रति किलो का भाव रखा है। इससे किसानों को पूरा भाव मिलेगा और उनकी आय बढ़ेगी। जिला उद्यान अधिकारी डॉ. प्रेम यादव ने गुरुवार को बताया कि जिला में किसानों द्वारा पारंपरिक खेती के साथ-साथ मधुमक्खी पालन का कार्य भी किया जा रहा है, परन्तु मार्केट में कई बार शहद के रेट कम मिलने से मधुमक्खी पालकों का रूझान कम हो रहा था। महेन्द्रगढ़ सहित प्रदेशभर के मधुमक्खी पालक शहद को भी बागवानी विभाग की भावांतर भरपाई योजना में शामिल करने की मांग कर रहे थे। मधुमक्खी पालक अब हनी ट्रेड सेंटर, आईबीडीसी, रामनगर जिला कुरूक्षेत्र में अपना शहद बेच सकेंगे।
उन्होंने बताया कि जिला महेन्द्रगढ के मधुमक्खी पालक दूसरे प्रदेशों जैसे राजस्थान, हिमाचल, यूपी व जम्मू एंड कश्मीर में अपने मधुमक्खियों के बक्सों को लेकर जाते हैं और जहां पर फसलों व पेड़-पौधों पर फूल लगे होते हैं बक्सों को वहां पर रखा जाता है। राजस्थान में बाजरा, सरसों व जांडी के फूलों से, हिमाचल में सेब व कश्मीर में अकेषिया पेड़ के फूलों से मधुमक्खियां शहद बनाती है। इन बक्सों को सिर्फ रात को ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर लेकर जाया जाता है। मधुक्खियां दिन में तो बॉक्स से बाहर आती-जाती रहती है और रात को बॉक्स में ही रहती है। उन्होंने बताया कि शहद को भावांतर भरपाई योजना में शामिल करने से मधुमक्खी पालन को बढ़ावा मिलेगा। बागवानी विभाग द्वारा मधुमक्खी पालन वाले बक्सों पर 85 प्रतिशत व अन्य यंत्रो पर 75 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान है।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्याम सुंदर शुक्ला