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जयपुर, 23 अक्टूबर (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने सफल आवंटी को भूखंड आवंटित करने के बजाए उसकी वापस नीलामी निकालने के मामले में विवादित प्लॉट की नीलामी प्रक्रिया पूरी करने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही अदालत ने मामले में प्रमुख स्वायत्त शासन सचिव, निदेशक स्वायत्त शासन और दौसा म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन से जवाब तलब किया है। जस्टिस संजीत पुरोहित की एकलपीठ ने यह आदेश राजेन्द्र कुमार मीणा की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता स्वप्निल सिंह पटेल दौसा म्युनिसिपल कार्पोरेशन ने जमीन की नीलामी के लिए फरवरी, 2024 में विज्ञापन जारी किया था। नीलामी में याचिकाकर्ता को एक भूखंड का सर्वाधिक बोलीदाता घोषित किया गया, लेकिन उसे भूखंड आवंटित करने से इनकार कर दिया गया। इस पर उसने स्थाई लोक अदालत में परिवाद पेश किया। स्थाई लोक अदालत ने गत 16 सितंबर को म्यूनिसिपल कार्पोरेशन को आदेश दिया कि वह याचिकाकर्ता के पक्ष में डिमांड और आवंटन पत्र जारी करे। याचिका में कहा गया कि इसके बावजूद भी उसे भूखंड आवंटित करने के बजाए गत दिनों दूसरी नीलामी निकाल दी गई और उसमें याचिकाकर्ता को आवंटित किए जाने वाले भूखंड को भी शामिल कर लिया। याचिका में गुहार की गई कि उसे संबंधित भूखंड आवंटित किया जाए और नई नीलामी पर रोक लगाई जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित भूखंड की नीलामी प्रक्रिया पूरी करने पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक