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गुवाहाटी, 23 अक्टूबर (हि.स.)। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने गुरुवार को दिवंगत गायक जुबीन गर्ग की स्मृति को राजनीति और विचारधाराओं से दूर रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि जुबीन गर्ग लोगों के दिलों में बसे कलाकार हैं, उन्हें किसी राजनीतिक या सरकारी एजेंडे से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जुबीन गर्ग शराबी नहीं थे। उन्होंने कहा, “मैं जुबीन से व्यक्तिगत रूप से मिला हूं। वह शराबी नहीं थे। अगर कभी उन्होंने पी भी होगी, तो वह दुख के समय में ही।” सरमा ने यह भी कहा कि किसी भी बहाने से उनके चरित्र को बदनाम करना उचित नहीं है।
मुख्यमंत्री ने अफसोस जताया कि कुछ लोग न्याय के नाम पर जुबीन की पहचान और आत्मा को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम जुबीन गर्ग को उनके गीतों के माध्यम से याद रखेंगे, न कि उन्हें शराब से जोड़कर उनका अपमान करेंगे।”
सरमा ने यह भी कहा कि जुबीन के नाम पर जो बहस चल रही हैं, वे उनकी मूल मान्यताओं और जीवन दर्शन के विपरीत हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ समूह जुबीन के नाम का इस्तेमाल सनातन धर्म को कमजोर करने के लिए कर रहे हैं, जबकि जुबीन स्वयं सनातन आस्था के अनुयायी थे।
मुख्यमंत्री ने कहा, “जुबीन गर्ग के शरीर पर भगवान शिव का टैटू था। वह शिव के भक्त थे।” उन्होंने वामपंथी विचारधारा से जुड़े कुछ लोगों के इस दावे का खंडन किया कि जुबीन नास्तिक थे।
अपने वक्तव्य में सरमा ने कहा, “मेरा कोई जाति या धर्म नहीं है; मेरा एकमात्र मार्गदर्शन कंचनजंघा फिल्म का संवाद है।”
सरमा ने यह भी कहा कि जुबीन गर्ग के अंतिम संस्कार की सभी रस्में सनातन धर्म की परंपराओं के अनुसार की गईं। उन्होंने सवाल किया, “जब उनका अंतिम संस्कार सनातन रीति से हुआ, तो कोई कैसे कह सकता है कि उनका कोई धर्म था या जाति नहीं थी?”
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश