Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
जयपुर, 23 अक्टूबर (हि.स.)। हर्ष, उमंग और आत्मीय प्रेम के प्रतीक पर्व भाई दूज का पर्व गुरुवार को पूरे उल्लास के साथ मनाया गया। दीपोत्सव के पांच दिवसीय पर्व का यह अंतिम दिन भाई-बहन के स्नेह का संगम लेकर आया। बहनों ने विधि-विधान से भाइयों के माथे पर तिलक कर उनकी दीर्घायु, सुख-समृद्धि और सफलता की कामना की। वहीं भाइयों ने भी बहनों को उपहार और स्नेह से सराबोर कर उनके प्रति अपने प्रेम और कृतज्ञता का भाव व्यक्त किया।
सुबह से शाम तक बहनों ने पूजा की थाल में फल, फूल, मिठाई, दीपक, रोली, अक्षत और चंदन रखकर शुभ मुहूर्त में अपने भाइयों का तिलक किया। ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को विशाखा नक्षत्र और आयुष्मान योग के संयोग में भैया दूज का पर्व ज्योतिष शास्त्र में बेहद शुभ रहा। यह भाई की लंबी आयु और अच्छे परिणामों से संबंध रखता है। इसके अलावा भाई दूज पर सूर्य-बुध के तुला राशि में होने से बुधादित्य योग का निर्माण हुआ। वहीं चंद्रमा वृश्चिक और गुरु ने कर्क में संचरण किया। यानी गुरु ने भी अपनी कृपा बरसाई। ऐसे में ग्रहों के दुर्लभ संयोग से भाई दूज पर भाइयों को धन लाभ, मान-सम्मान सहित अन्य मनचाहे परिणामों की प्राप्ति होगी।
दीपोत्सव का समापन
भाई दूज के साथ दीपोत्सव का पांच दिवसीय पर्व संपन्न हुआ। दीपावली, गोवर्धन पूजा, अन्नकूट और भैयादूज की श्रृंखला में घर-घर आनंद और उल्लास का वातावरण बना रहा।
जयपुर जेल में महिलाओं ने मनाई भाई दूज
वहीं जयपुर जेल में सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने अपने भाइयों को तिलक लगा कर उनकी लंबी उम्र की कामना की। इसी बीच जेल की सलाखों के पीछे से भाइयों की आंखों से आंसू झलक पड़े और जेल परिसर का माहौल गमगीन नजर आया। जेल की सलाखों के पीछे से भाइयों ने तिलक लगाते वक्त अपनी बहनों से अपराध की दुनिया से वापस नहीं लौटने की कसम खाई।
पुख्ता व्यवस्था में हुई मुलाकात
जयपुर जेल अधीक्षक ओम प्रकाश ने बताया कि भाई दूज के अवसर पर जेल में आने वाली महिलाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए सुरक्षा बल पूरी तरह सख्त नजर आया। सभी महिलाओं की बारीकी से तलाशी ली गई। इसी के साथ मिठाइयों की भी अच्छी तरह से जांच की गई। ताकि किसी तरह मादक पदार्थ जेल परिसर में ना पहुंचाया जा सके।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश