अटूट विश्वास और प्रेम का प्रतीक है भाईदूज, भाई का तिलक कर लम्बी आयु की कामना करती हैं बहनें
छोटे से भाई को आशीर्वाद देती बहन


भाई का तिलक करती बहन


भाई की आरती उतारती बहन


महोबा, 23 अक्टूबर (हि.स.)। भाई-बहन के अटूट विश्वास और प्रेम का प्रतीक पर्व भाई दूज का पावन त्यौहार देश भर में आज धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह पर्व हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर मनाया जाता है। बताया जाता है कि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर यम के देवता यमराज अपनी बहन यमुना जी के घर गए थे।

जनपद मुख्यालय स्थित पड़ाव वाले हनुमान मंदिर के महंत पंडित वीरेंद्र कुमार शुक्ला ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि भैया दूज का त्यौहार भाई और बहन के बीच एक अटूट भरोसे और प्रेम का प्रतीक है। आज के दिन भाई अपनी बहनों के घर जाते हैं। बहनें हर्षोल्लास के साथ खुशी खुशी अपने भाई का आदर-सत्कार करती हैं। आरती उतार भाई का तिलक कर मुंह मीठा करा रक्षा सूत्र बांधती हैं। भाई को भोजन कराती हैं। भाई-दूज के पावन अवसर पर भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं।

बाजार रहे गुलजार

जनपद मुख्यालय स्थित गांधीनगर मुहाल निवासी प्रतीक्षा तिवारी ने बताया कि भाईदूज को लेकर बहनें उत्साहित रहतीं हैं। उनको पहले से इस पावन पर्व का इंतजार रहता है। भाई की लम्बी उम्र के लिए बिना खाए पिए व्रत रहकर भाई का तिलक करतीं हैं। और उसके कल्याण की भगवान से प्रार्थना करतीं हैं। जबकि भाई अपनी बहनों को भरोसे व सुरक्षा का एहसास कराते हैं।

चली आ रही सदियों पुरानी परम्परा

भाईदूज के पावन पर्व को लेकर बाजार गुलजार रहा है। तो वहीं मिठाई की दुकानों में लोगों की भारी भीड़ जुटी रही है। बुंदेलखंड में महिलाओं ने अपने अपने घरों के बाहर भाईदूज की पूजा अर्चना की है। सदियों पुरानी परम्परा का बुंदेली महिलाएं आज भी निर्वाहन कर रही हैं। पूजा के बाद बहनों ने अपने अपने भाइयों का तिलक कर उनके मंगल की कामना की है।

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हिन्दुस्थान समाचार / उपेन्द्र द्विवेदी