हिसार : नगर निगम करवाएगा शहर के पांच हजार आवारा कुत्तों का बधियाकरण
कुत्तों को पकड़कर ले जाते एजेंसी के कर्मचारी।


संतुलन जीव कल्याण एजेंसी छह माह में पूरा करेगी टारगेटहिसार, 23 अक्टूबर (हि.स.)। शहर में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या व इन कुत्तों द्वारा लोगों को काटने व हमला करने जैसी घटनाओं पर रोक के लिए नगर निगम ने शहर के पांच हजार कुत्तों का बधियाकरण करवाने का निर्णय लिया है। इसके लिए जयपुर की संतुलन जीव कल्याण एजेंसी को कार्य दिया गया है। कुत्तों के बधियाकरण का कार्य गुरुवार से शुरू कर दिया गया। मेयर प्रवीण पोपली ने वार्ड 9 स्थित आनंद निकेतन कॉलोनी से बधियाकरण अभियान का शुभारंभ किया। नगर निगम द्वारा दिए गए कार्य के अनुसार जयपुर की संतुलन जीव कल्याण एजेंसी ने शहर से 5 हजार आवारा कुत्तों का बधियाकरण करना शुरू कर दिया है। एजेंसी के अनुसार इस कार्य को करने में लगभग 6 माह का समय लगेगा। एजेंसी पूर्ण रूप से नियमों का पालन करते हुए कुत्तों का बधियाकरण करेगी। एजेंसी के दो डॉक्टर और आठ कर्मचारी यह कार्य करेंगे। डॉ. प्रवेश कुमार व डॉ. नवीश नेहरा कुत्तों के वैक्सीनेशन, बधियाकरण का कार्य करेंगे। कुत्तों के बधियाकरण की यह प्रक्रिया पूरी तरह वैज्ञानिक और सुरक्षित होगी, जिससे कुत्तों को किसी प्रकार की हानि नहीं होगी। यह प्रक्रिया न केवल उनकी संख्या को नियंत्रित करने में मदद करेगी, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक साबित होगी।एजेंसी द्वारा पकड़े गए कुत्तों को बधियाकरण और रेबीज़ टीकाकरण के बाद उसी स्थान पर वापस छोड़ा जाएगा, जहां से उन्हें उठाया गया था। इससे न केवल कुत्तों की प्राकृतिक जीवनशैली बनी रहेगी, बल्कि शहर में उनकी गतिविधियों पर भी नियंत्रण रहेगा। टीम के चिकित्सकों के अनुसार बधियाकरण अभियान न केवल शहर में आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करेगा, बल्कि रेबीज़ जैसी खतरनाक बीमारियों के प्रसार को भी रोकने में मदद करेगा।इस अवसर पर मेयर प्रवीण पोपली ने कहा कि नगर निगम भविष्य में भी ऐसे प्रयास जारी रखेगा ताकि शहरवासियों को एक सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण मिल सके। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे निगम के इस अभियान में सहयोग करें, कुत्तों के साथ दुर्व्यवहार न करें और संबंधित जानकारी निगम टीम को उपलब्ध कराएं। मेयर ने कहा कि निगम का उद्देश्य कुत्तों को नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि उनकी आबादी को मानवीय तरीके से नियंत्रित करना है। इस पहल से न केवल शहर में आवारा कुत्तों से जुड़ी घटनाओं में कमी आएगी, बल्कि इंसानों और पशुओं के बीच संतुलन भी बना रहेगा। नगर निगम के इस अभियान से उम्मीद है कि आने वाले कुछ महीनों में शहर की सड़कों पर आवारा कुत्तों की संख्या में स्पष्ट रूप से कमी देखी जाएगी और शहरवासियों को इससे राहत मिलेगी।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर