भारत के पहले गांव माणा में दो दिवसीय देवभूमि सांस्कृतिक महोत्सव 25 अक्टूबर से
माणा गांव का प्रतीकात्मक चित्र।


गोपेश्वर, 22 अक्टूबर (हि.स.)। वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के अंतर्गत भारत चीन सीमा पर स्थित भारत का पहला गांव माणा में दो दिवसीय देवभूमि सांस्कृतिक महोत्सव का 25 अक्टूबर से आयोजन किया जा रहा है। यह उत्सव सीमांत पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगा, जो सीमांत क्षेत्रों के सशक्तिकरण के राष्ट्रीय लक्ष्य से जुड़ा है।

चमोली जिले में बदरीनाथ धाम के समीप स्थित सुरम्य सीमांत ग्राम माणा आगामी 25 और 26 अक्टूबर को आयोजित होने वाले देवभूमि सांस्कृतिक महोत्सव की तैयारियों में जिला प्रशासन जुट गया है।

भारत सरकार के वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित होने वाले दो दिवसीय उत्सव देश के प्रथम ग्राम माणा को सीमांत पर्यटन, सांस्कृतिक गौरव और सामुदायिक विकास के एक जीवंत केंद्र के रूप में स्थापित करने का प्रयास है।जिला प्रशासन की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार महोत्सव में गढ़वाल की समृद्ध परंपराओं का प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें स्थानीय कलाकारों के सांस्कृतिक कार्यक्रम, महाविद्यालय स्तरीय प्रतियोगिताएं, हस्तशिल्प, स्थानीय जड़ी-बूटियों और जैविक उत्पादों की प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र होंगी।

यह पहल गढ़वाली संस्कृति को प्रवासन रोकने और लोगों को अपने पैतृक गांवों की ओर लौटने के लिए प्रेरित करने के एक सशक्त माध्यम के रूप में भी देखी जा रही है।

सांस्कृतिक आयोजनों के साथ-साथ पर्यटकों के लिए प्रकृति भ्रमण, विरासत यात्राएं और व्यास गुफा, वसुधारा जलप्रपात और सरस्वती घाटी जैसे दर्शनीय स्थलों के लिए गाइडेड टूर आयोजित किए जाएंगे, जिससे आगंतुकों को अध्यात्म और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत संगम अनुभव होगा।

हिन्दुस्थान समाचार / जगदीश पोखरियाल