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अंबिकापुर, 22 अक्टूबर (हि.स.)। सरगुजा सेंट्रल जेल से दीपावली की रात दो कैदी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जेल वार्ड से भाग निकले, जिससे पुलिस प्रशासन में अफरा-तफरी मच गई। इस बड़ी चूक के बाद एसएसपी राजेश अग्रवाल ने जेल सुरक्षा में लापरवाही बरतने पर एक हेड कॉन्स्टेबल और एक कॉन्स्टेबल को तत्काल निलंबित कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, फरार कैदी रितेश सारथी और पवन पाटिल बीमारी के चलते मेडिकल कॉलेज के जेल वार्ड में भर्ती थे। दीपावली की रात करीब तीन बजे दोनों वार्ड से निकल भागे और सुरक्षाकर्मियों को भनक तक नहीं लगी। सुबह जब हाजिरी के दौरान दोनों नदारद मिले तो हड़कंप मच गया।
जांच में सामने आया है कि दोनों बंदी गंभीर बीमारियों का हवाला देकर अस्पताल लाए गए थे।
रितेश सारथी, निवासी ग्राम अंधला (लखनपुर), पॉक्सो एक्ट के तहत विचाराधीन कैदी था और उसे पेट दर्द व अल्सर की शिकायत थी। वहीं दूसरा पवन पाटिल, निवासी भैयाथान (सूरजपुर), एनडीपीएस एक्ट के आरोप में बंद था और उसने सीने में दर्द की शिकायत की थी।
जेल अधीक्षक अक्षय राजपूत ने बताया कि, दोनों कैदियों ने रात 3 बजे के आसपास सुरक्षा व्यवस्था को धोखा देकर भागने की साजिश को अंजाम दिया। घटना की जानकारी मिलते ही मणिपुर थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
सरगुजा एएसपी अमोलक सिंह ने बताया कि, ड्यूटी में लापरवाही बरतने के चलते हेड कॉन्स्टेबल और कॉन्स्टेबल को तत्काल निलंबित किया गया है। पुलिस की कई टीमें फरार बंदियों की तलाश में उनके संभावित ठिकानों और गांवों में दबिश दे रही हैं, लेकिन अब तक दोनों का सुराग नहीं मिला है।
दो सप्ताह में दूसरी बार जेल से फरारी- सेंट्रल जेल से कैदियों के भागने की यह 15 दिन में दूसरी घटना है। इससे पहले कैदी मुकेश कांत फरार हुआ था, जिसने जेल स्टाफ पर वसूली और उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे। उस मामले में तीन सुरक्षाकर्मी बर्खास्त किए जा चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि, लगातार दो बार हुई जेल फरारी ने सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं, दीपावली की रात आज़ादी की दीवाली बन गई!
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हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय