सोनम वांगचुक की हिरासत का मामला एडवाइजरी बोर्ड तक पहुंचाया
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पत्नी गीतांजलि ने एडवाइजरी बोर्ड व सरकार को भेजा रिप्रेजेंटेशन, आरोपों को बताया निराधार

जोधपुर, 22 अक्टूबर (हि.स.)। एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक की हिरासत के खिलाफ उनकी पत्नी गीतांजलि अंगमो ने एक और कदम उठाया है। अंगमो ने इसकी जानकारी साझा करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर बताया कि उन्होंने वांगचुक की ओर से राज्य सरकार, केंद्र सरकार और एडवाइजरी बोर्ड को रिप्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया है।

उल्लेखनीय है कि सोनम वांगचुक को पिछले दिनों एमएसए के तहत हिरासत में लिया गया था, जिसका देशभर में विरोध और कानूनी चुनौती जारी है। सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले की सुनवाई कर रहा है। जबकि वांगचुक की पत्नी कानूनी लड़ाई की अगुवाई कर रही हैं। गीतांजलि के इस कदम को वांगचुक की जल्द रिहाई की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

वांगचुक की ओर से राज्य, केंद्र सरकार और एडवाइजरी बोर्ड को हिरासत के आधार को चुनौती देने वाला रिप्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया गया है। प्रक्रियागत खामियों के साथ-साथ वांगचुक के वीडियो के संदर्भ से बाहर, गलत प्रस्तुतीकरण पर आधारित कमजोर और निराधार आरोपों को चुनौती दी। गीतांजलि ने बताया कि इस रिप्रेजेंटेशन में न केवल हिरासत के आधारों को चुनौती दी गई है, बल्कि सरकार द्वारा तय प्रक्रिया में हुई खामियों और वांगचुक के बयानों/वीडियो के संदर्भ से बाहर तोड़-मरोडक़र पेश किए गए तथ्यों को भी निराधार बताया गया है।

क्या है एडवाइजरी बोर्ड

एडवाइजरी बोर्ड (सलाहकार बोर्ड) राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) 1980 के तहत गठित एक विशेष संवैधानिक निकाय है, जो निरोधात्मक हिरासत के मामलों की समीक्षा करता है। हिरासत के आदेश का औचित्य इसी बोर्ड के समक्ष परखा जाता है। जरूरी होने पर व्यक्ति के पक्ष में राहत दी जा सकती है। यह बोर्ड तीन सदस्यों से मिलकर बनता है, जो हाईकोर्ट के पूर्व या मौजूदा जज न्यायाधीश होते हैं। इन सदस्यों की नियुक्ति संबंधित राज्य के हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा की जाती है, जिससे बोर्ड की स्वतंत्रता और निष्पक्षता सुनिश्चित होती है।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश