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जबलपुर, 22 अक्टूबर (हि.स.)। सड़क सुरक्षा को लेकर प्रदेश पुलिस ने एक बार फिर बड़ा कदम उठाया है। पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर 22 अक्टूबर से 5 नवंबर तक पूरे प्रदेश में 15 दिवसीय हेलमेट जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत लोगों को हेलमेट पहनने के महत्व से अवगत कराया जाएगा तथा दोपहिया चालकों को सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
इस अभियान के बाद 6 नवंबर से पुलिस विभाग द्वारा नियमित रूप से हेलमेट चेकिंग की जाएगी। यातायात बल को दो अलग-अलग समूहों में विभाजित कर शहर के विभिन्न स्थानों पर तैनात किया जाएगा ताकि बिना हेलमेट चलने वालों पर सख्त कार्यवाही की जा सके।
पुलिस अधीक्षक (एसपी) श्री सम्पत उपाध्याय ने आदेश जारी करते हुए कहा कि जबलपुर सहित प्रदेश के सभी जिलों में यह अभियान पूरी गंभीरता और जनसहभागिता के साथ चलाया जाए। उन्होंने बताया कि सड़क सुरक्षा केवल पुलिस की नहीं बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। यदि प्रत्येक व्यक्ति यातायात नियमों का पालन करे तो 50 प्रतिशत तक सड़क दुर्घटनाओं को टाला जा सकता है।
अभियान के क्रियान्वयन हेतु अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (यातायात) अंजना तिवारी के मार्गदर्शन में तीन उप पुलिस अधीक्षक मालवीय चौक क्षेत्र के संतोष शुक्ला, गढ़ा क्षेत्र के बैजनाथ प्रजापति और घमापुर क्षेत्र की संगीता डामोर को नेतृत्व की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनके नेतृत्व में यातायात पुलिस टीमों ने बुधवार, 22 अक्टूबर से शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर अभियान की शुरुआत की।
अभियान के पहले दिन पुलिस टीमों ने दोपहिया चालकों को रोककर हेलमेट के महत्व की जानकारी दी। जिन चालकों के पास हेलमेट तो था, पर उन्होंने उसे पहना नहीं था, उन्हें मौके पर ही हेलमेट पहनाया गया और समझाइश दी गई कि यात्रा के दौरान हमेशा हेलमेट का प्रयोग करें। पुलिसकर्मियों ने राहगीरों और वाहन चालकों को पंपलेट बांटकर भी जागरूक किया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में अधिकांश मौतें सिर में गंभीर चोट लगने के कारण होती हैं। यदि सभी दोपहिया चालक और पीछे बैठने वाले सवार हेलमेट पहनें, तो ऐसी घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकता है। पुलिस अधीक्षक सम्पत उपाध्याय ने संस्कारधानी जबलपुर के नागरिकों से अपील की कि वे यातायात नियमों की अनदेखी न करें। उन्होंने कहा, “हम सभी को यह समझना चाहिए कि जिंदगी अनमोल है। थोड़ी सी लापरवाही न केवल आपकी बल्कि किसी और की जान भी ले सकती है। हेलमेट पहनना कोई बोझ नहीं बल्कि जीवन की सुरक्षा कवच है।”
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा समय-समय पर यह निर्देश जारी किए जाते हैं कि दोपहिया चालकों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य है। यह नियम न केवल कानूनी पालन के लिए बल्कि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है। पुलिस विभाग का यह 15 दिवसीय जागरूकता अभियान लोगों में सड़क सुरक्षा को लेकर एक सकारात्मक संदेश देगा। अधिकारियों का मानना है कि यदि नागरिक सहयोग करें और हेलमेट पहनने की आदत डालें, तो यह अभियान सड़क सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन साबित हो सकता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विलोक पाठक