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हमीरपुर, 22 अक्टूबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के चंडौत गांव में परेवा को लोगों ने बुधवार काे जमकर दिवारी खेली। ढोलक की थाप पर थिरकते लोगों ने लाठियों का अचूक वार कर युद्ध की नृत्य कला का प्रदर्शन किया। जिसे देखकर लोग दातों तले अंगुलियां दबाने पर मजबूर हो जाते हैं।
इस अनूठी कला में 10 साल के बालक से लेकर 60 साल के वृद्ध भी लाठियां चलाते नजर आएं। हांथों में लाठियां, रंगीन नेकर के ऊपर कमर में फूलों की झालर, पैरों में घुंघरू बंधे जोश से भरे यह नौजवान बुन्देलखंडी नृत्य दिवारी खेलते हुए परंपरागत ढंग से दीपोत्सव मानते हैं। वीर रस से भरे इस नृत्य को देखकर लोगों का खून उबाल मारने लगता है। जोश में भरकर बच्चों से लेकर बूढ़े तक थिरकने पर मजबूर हो जाते हैं।
दिवारी नृत्य के साथ मोनिया मोर पंखों के साथ प्रदर्शन करते हैं। सुबह से ही मोनिया गाय की पूजा करने के बाद हाथों में मोर पंख लेकर निकल पड़ते हैं, आस पास के गांवों का भ्रमण करते हैं। इस दौरान पड़ने वाले मंदिरों के दर्शन कर प्रसाद चढ़ाते हैं और शाम को पूजा अर्चना करके व्रत तोड़ते हैं। दिवारी खेल रहे सभी कलाकारों एवं मोनिया को समाजसेवी पुष्पेंद्र राजपूत, देवेंद्र राजपूत की ओर से उपहार देकर सम्मानित किया गया इस मौके पर रामसहोदर निषाद, ज्ञानसिंह, हरेंद्र, शिवसिंह बाबा अन्य मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज मिश्रा