व्यक्तिगत टांका निर्माण पर रोक लगाने के आदेश जारी : विपक्ष के नेता कर रहे आदेश का विरोध
व्यक्तिगत टांका निर्माण पर रोक लगाने के आदेश जारी : विपक्ष के नेता कर रहे आदेश का विरोध


बाड़मेर, 22 अक्टूबर (हि.स.)। सरकार ने राजस्थान में मनरेगा के तहत हो रहे व्यक्तिगत टांका निर्माण पर रोक लगाने के आदेश जारी किए है। जिसमें लिखा है कि एनएलएम कमेटी की ओर से बाड़मेर में कार्यों की जांच की गई तो पाया गया कि टांके का पानी कृषि एवं सिचाई में उपयोग नहीं किया जाता है। इससे मनरेगा के उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो रही है। इसलिए आगामी आदेशों तक रोक लगा दी है। इसके बाद विपक्ष के नेता इस आदेश का विरोध कर रहे है। बाड़मेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल, बायतु विधायक हरीश चौधरी समेत कांग्रेस के नेता इस ऑर्डर को वापस लेने की मांग कर रहे है।

सांसद बेनीवाल ने ट्वीट किया जिसमें लिखा कि दीपावली के दिन जारी किया गया यह तुगलकी फरमान “प्यासे मरेंगे, नीति बनेगी कागज पर” जैसी विडंबना को जन्म देता है। बिना धरातलीय जांच और सर्वे के, बंद एसी कमरों में बैठकर नीतियां बनाना और आदेश जारी करना, थार की असल समस्याओं की अनदेखी करना है। इन्हीं टांकों में संरक्षित किए गए जल से ही थारवासियों के पानी की प्यास बुझती हैं। दरअसल, 21 अक्टूबर को ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग महात्मा गांधी नरेगा जयपुर की ओर से एक आदेश सभी जिला कलेक्टर एवं जिला प्रोग्राम समन्वयक को जारी किए गए। जिसमें लिखा कि महात्मा गांधी नरेगा के अन्तर्गत व्यक्ति लाभ के कार्य की स्कीम अपना खेत अपना काम के तहत निजी कृषि भूमि में टांका निर्माण मय पक्का एवं कच्चा पायधन स्वीकृत किए गए थे, जिससे सिंचाई एवं भूमि संसाधनों का समग्र विकास कर ग्रामीण परिवारों की आजीविका में स्थाई सुधार किया जा सके।

मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रभारी और बायतु विधायक हरीश चौधरी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो जारी कर कहा- 21 तारीख सरकार ने एक आदेश निकाला था। उस दिन पूरी दुनिया दीपावली का पर्व बना रही थी।

सरकार ने हमारे और रेगिस्तान की पीठ पर खंजर घोपा है। आजाद भारत में क्या उससे पहले भी किसी के भी राज में कोई नहीं कर सकता था। छुट्टी के दिन यह आदेश निकाला गया। सरकार ने टांकों पर रोक लगा दी। यह टांके पक्का निर्माण नहीं, यह हमारी जीवन रेखा है। इस थार की इस रेगिस्तान की।

हरीश चौधरी ने पीएम नरेंद्र मोदी से मांग की है कि इस फैसले को वापस लिजिए। दुनिया के अंदर जल संरक्षण का यह बेहतरीन मॉडल कहीं नहीं मिलेगा। नेशनल और इंटरनेशनल किसी भी एजेंसी को भेज कर जांच करवा लो। इन टांकों से बेहतर कोई मॉडल नहीं मिलेगा। आपको यहां के लोगों को बुलाकर प्रोत्साहन और पुरस्कार देना चाहिए था। इसकी जगह आपने यह सजा क्यूं दी है। यह समझ से परे है। मांग करते हुए कहा कि इस क्रूर फैसले को वापस लो।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव