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बडगाम, 22 अक्टूबर (हि.स.)। बडगाम उपचुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मी बढ़ने के बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उम्मीदवार आगा सैयद महमूद अल मोसावी ने श्रीनगर के सांसद आगा रुहुल्लाह मेहदी के बारे में एक स्पष्ट लेकिन आत्मविश्वास से भरी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा है कि मेहदी वही करेंगे जो उनके और पार्टी के लिए राजनीतिक और नैतिक रूप से सही होगा।
आगा महमूद ने स्पष्ट रूप से बडगाम में विश्वास के संकट को स्वीकार किया और यह भी स्वीकार किया कि दशकों की उपेक्षा ने इस जिले को विकास के हाशिये पर ला खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि बड़गाम को इन सभी वर्षों में काफी हद तक उपेक्षित रखा गया है। विकास के मोर्चे पर इस निर्वाचन क्षेत्र में बहुत कमी है।
उन्होंने कहा कि यहाँ के लोग राजनीतिक रूप से अनाथ महसूस करते हैं, इस तथ्य के बावजूद कि हमारी पार्टी सत्ता में रही है। उनकी अपेक्षाएँ हैं और वे व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं।
पट्टन (1987) और बीरवाह (1996) निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व कर चुके और 2017 तक एमएलसी रहे इस अनुभवी राजनेता ने कहा कि आगामी उपचुनाव पार्टी के लिए निराश मतदाताओं से फिर से जुड़ने की सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने स्वीकार किया कि यह एक कठिन लड़ाई होगी। हम एक मज़बूत, विकास-आधारित घोषणापत्र के साथ लोगों तक पहुँचेंगे। बडगाम इससे बेहतर का हकदार है। पार्टी के प्रभावशाली नेता आगा रूहुल्लाह से आगे आने का आह्वान करते हुए महमूद ने कहा कि हालाँकि मैंने अभी तक रूहुल्लाह से बात नहीं की है, वह दिल्ली में हैं, मैं उनसे संपर्क करूँगा। वह पार्टी का बंदा है। एक पार्टी के तौर पर वह हमारे लिए जो भी सही होगा, वह ज़रूर करेंगे।
यह टिप्पणी नेशनल कॉन्फ्रेंस के भीतर स्पष्ट तनाव के बीच आई है क्योंकि रूहुल्लाह ने महत्वपूर्ण मुद्दों खासकर आरक्षण नीति पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के निष्क्रिय रुख पर सार्वजनिक रूप से नाराजगी व्यक्त की है। रुहुल्लाह ने हाल ही में कहा था कि वह नेशनल कॉन्फ्रेंस को वोट देंगे लेकिन तब तक प्रचार नहीं करेंगे जब तक सरकार आरक्षण रिपोर्ट पर अपना रुख सार्वजनिक नहीं कर देती।
11 नवंबर को होने वाले इस उपचुनाव में भाजपा, पीडीपी, एआईपी, अपनी पार्टी और कई निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ बहुकोणीय मुकाबला होने की संभावना है। हालाँकि सबसे करीबी मुकाबला आगा महमूद (नेशनल कॉन्फ्रेंस) और आगा सैयद मुंतज़िर मेहदी (पीडीपी) के बीच होने की उम्मीद है जो दोनों बडगाम के प्रमुख मौलवी परिवारों से हैं।
पेशे से वकील मुंतज़िर 2024 के विधानसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला से 18,000 वोटों से हार गए थे। उमर के बाद बडगाम सीट से इस्तीफे ने इस उपचुनाव का मार्ग प्रशस्त किया, जहाँ 1.26 लाख मतदाता कश्मीर के सबसे राजनीतिक रूप से प्रतीकात्मक निर्वाचन क्षेत्रों में से एक का भविष्य तय करेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता