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भोपाल, 22 अक्टूबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के दतिया जिले में स्थित रतनगढ़ माता मंदिर में भाई दूज के मौके पर आयोजित लख्खी मेले में बुधवार शाम तक माता रतनगढ़ और कुँवर बाबा के प्रति भक्तों की अटूट आस्था के चलते इस वर्ष मेले में लगभग 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पहुंचकर दर्शन लाभ प्राप्त किया। मेले में लगातार बढ़ रही भीड़ के बावजूद प्रशासन की तैयारियों और सक्रिय मॉनिटरिंग के कारण भक्तों को बिना किसी परेशानी के सहज एवं सुगम दर्शन हो रहे हैं। इस दौरान लगभग तीन हजार से अधिक सर्पदंश से पिड़ित व्यक्तियों के बंध भी खोले गए। मेला क्षेत्र में प्रशासन द्वारा सुरक्षा, पेयजल, चिकित्सा, पार्किंग और व्यवस्था हेतु विशेष प्रबंध किए गए हैं।
दतिया कलेक्टर स्वप्निल वानखड़े और पुलिस अधीक्षक सूरज कुमार वर्मा स्वयं मैदान में उतरकर व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर रहे हैं। दोनों अधिकारियों द्वारा निरंतर भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया जा रहा है, ताकि किसी भी श्रद्धालु को असुविधा का सामना न करना पड़े। मेले में तैनात अधिकारी एवं कर्मचारी पूरी तत्परता और सेवा भाव से कार्य करते हुए हर श्रृद्धालु को सहज दर्शन उपलब्ध करा रहे हैं। भक्तों ने प्रशासन की व्यवस्थाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस वर्ष मां रतनगढ़ और कुँवर बाबा के दर्शन अत्यंत सुव्यवस्थित और सरलता से हो रहे हैं।
कलेक्टर स्वप्निल वानखडे ने बताया कि मेले की व्यवस्थाओं के लिए डिप्टी कलेक्टर स्तर के 10 अधिकारियों को सहायक मेला अधिकारी नियुक्त किया गया है और 20 कार्यपालिक दंडाधिकारी नियुक्त कर लगभग 200 सेक्टर एवं सहायक सेक्टर अधिकारी नियुक्त किए गए है। मेला परिसर एवं पार्किंग क्षेत्र सहित आठ जगहों पर अस्थाई हॉस्पिटल एम्बुलेंस सहित बनाए गए हैं। तीन क्रेन, एक जेसीबी, 10 फायर ब्रिगेड, एक फायर बाइक, पेयजल व्यवस्था हेतु लगभग 100 अस्थाई टैंकर एवं 50 स्थाई टैंकरों की व्यवस्था की गई है। 200 स्वच्छता सहयोगियों का प्रबंध किया गया है। 3000 स्ट्रैचरों की व्यवस्था की गई है। 40 स्थान पर सेक्टर कंट्रोल रूम बनाकर श्रद्धालुओं के लिए जानकारी एवं उद्घोषणा करने की व्यवस्था की गई है।
मेले के दौरान लगभग 2000 सिविल स्टाफ की नियुक्त की गई है। इस दौरान लगभग 50 किलोमीटर के मेला क्षेत्र में लाइटिंग की व्यवस्था की गई है। पुलिस अधीक्षक के अलावा एक आईपीएस, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, 10 उप पुलिस अधीक्षक सहित लगभग ढाई हजार पुलिस कर्मियों की व्यवस्था की गई है। सिंध नदी में 200 जवानों एवं तीन मोटर बोट सहित एसडीईआरएफ की पांच टीम में तैनात की गई है, मगरमच्छ, बंदरों से बचाव हेतु वन विभाग की सात टीम तैनात की गई है, कलेक्टर स्वप्निल वानखडे द्वाराबताया गया है की मेला समाप्ति तक संपूर्ण व्यवस्थाएं सुनिश्चित करते हुए श्रद्धालुओं को सुरक्षित दर्शन करके उनको घर वापस पहुंचाना ही प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर